नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद राज्य सरकार ने दवा निर्माण कंपनियों पर सख्ती शुरू कर दी है। सरकार ने साफ कहा है कि अब सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं ही बाजार में पहुंचेंगी। किसी भी लोवर क्वालिटी दवा को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
औषधि नियंत्रक दिनेश श्रीवास्तव ने इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि दवा तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले हर कच्चे माल और तैयार दवा की बैचवार जांच जरूरी होगी।
साथ ही यह भी कहा गया कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को जो दवाएं नहीं दी जानी चाहिए, उनके लेबल पर यह चेतावनी स्पष्ट रूप से लिखी जाए, चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को यह संयोजित औषधि नहीं दी जानी चाहिए।
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औषधि नियंत्रक ने सभी दवा कंपनियों को भारत सरकार की आनलाइन प्रणाली ओएनडीएलएस पर पंजीकरण और एंट्री करने के निर्देश दिए। इसके अलावा दवाओं पर जीएसटी दरों में हुई कटौती की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाने को भी कहा गया है।
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