
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: ब्राह्मण बेटियों को लेकर असभ्य टिप्पणी करने के मामले में मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के जवाब को शासन ने संतोषजनक नहीं माना है। इसके लिए उनके खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागीय जांच शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आरोप पत्र जारी करके उनसे पक्ष मांगा गया है।
वहीं, न्यायालय के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासन सेवा में पदोन्नति पाने के लिए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के लिए तैयार किया जा रह है। संतोष वर्मा पर शासन से दो स्तर पर एक साथ कार्रवाई प्रारंभ हुई है। विभागीय जांच में ब्राह्मण बेटियों और सिविल जज की चयन परीक्षा को लेकर जिस तरह से सवाल उठाए, उसे आधार बनाया है।
आरोप पत्र जारी कर उनसे स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है, क्योंकि पहले उन्होंने माफी मांगने और समग्रता में उनकी बात को देखे जाने का जो हवाला दिया था, उसे अमान्य किया जा चुका है। दूसरा और गंभीर मामला फर्जी दस्तावेज के आधार पर पदोन्नति पाने का है। सरकार ने इसे गंभीर माना है।
बता दें कि मामला वर्ष 2016 का है, जब एलआइसी एजेंट महिला ने संतोष वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में चालान पेश हो चुका है और प्रकरण न्यायालय में लंबित है। वर्ष 2021 में पदोन्नति पाने के लिए वर्मा ने 2016 वाले केस में स्वयं को बरी किए जाने वाला एक आदेश प्रस्तुत किया।
इसमें स्पेशल जज विजेंद्र रावत के फर्जी हस्ताक्षर की बात सामने आई तो इंदौर पुलिस ने उन्हें जुलाई में गिरफ्तार किया था। तीन महीने जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। सूत्रों का कहना है कि जब किसी के विरुद्ध आपराधिक मामला या विभागीय जांच चलती है तो उसे पदोन्नत नहीं किया जा सकता है।
सकल ब्राह्मण समाज और कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने शुक्रवार को मंत्रालय के बाहर और महाराणा प्रताप की प्रतिमा के सामने शंख बजाकर प्रदर्शन किया। हनुमान चालीसा पाठ किया। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि जो बयान बेटियों को लेकर दिया गया, वह किसी को स्वीकार्य नहीं है। संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई के दस्तोवज जब तक उपलब्ध नहीं करा दिए जाते हैं तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
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वहीं, अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ संतोष वर्मा के विरुद्ध हो रही कार्रवाई को लेकर एससी-एसटी-ओबीसी के संगठन एकजुट हो गए हैं। शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों पर रैली निकालकर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को ज्ञापन दिया जाएगा। वर्मा के समर्थन में 18 जनवरी 2026 को भोपाल में बड़ा कार्यक्रम भी घोषित किया है।