
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: एक पिता जब अपने बच्चों की परवरिश करता है तो उसके मन में एक सपना होता है, कि बुढ़ापे में वही बच्चे उसका सहारा बनेंगे। परंतु भोपाल में एक 75 वर्षीय वृद्ध ने अपनी बहू की प्रताड़ना और अपमान से तंग आकर फांसी लगा ली। वह बहू, जिसे उन्होंने बेटी की तरह अपनाया और प्यार दिया, धीरे-धीरे उनके जीवन का सबसे बड़ा दुःख बन गई और उम्र के इस पड़ाव में आखिरकार खुदकुशी का कारण भी बनी।
अयोध्यानगर क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्ग ने अपने दुख को पांच पन्नों के सुसाइड नोट में व्यक्त किया है। वहीं इस वारदात ने समाज के ताने-बाने को भी आईना दिखाया है, जहां बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार की भावना पनपती जा रही है। पुलिस के अनुसार मिनाल रेसीडेंसी निवासी 75 वर्षीय रमेश चंद्र गुप्ता राज्य परिवहन निगम के पूर्व अधिकारी थे। उनके बड़े बेटे पुष्पेंद्र की शादी वर्ष 2011 में गायत्री मंदिर में खंडवा की युवती से हुई थी।
शादी के करीब डेढ़ साल बाद ही उनकी पत्नी बहू के दुर्व्यहार से तंग आकर अपने छोटे बेटे के पास पुणे चली गई थीं। कुछ समय बाद ही रमेश चंद्र भी छोटे बेटे के पास ही रहने लगे थे। वर्ष 2022 में जब वे वापस अपने बड़े बेटे के पास रहने आए तो परेशानियां बढ़ गई थीं। अयोध्यानगर थाना प्रभारी के नाम लिखे नोट में वृद्ध ने लिखा है कि बहू हमसे आजादी चाहती थी। वह फोन पर किसी व्यक्ति से बात करती थी।
बेटे के नौकरी पर जाने के बाद रोजाना छह घंटे तक घर से बाहर रहती थी। उसे रोकने टोकने का कोई असर नहीं होता था, ऐसा करने पर वह अपमानित भी करती थी। साथ ही उन्हें प्रताड़ित करने वह जली हुईं रोटियां और सब्जी भोजन में परोसती थी। अप्रैल 2023 में इसी बात से तंग आकर जब बेटे ने तलाक की अर्जी लगाई तो महिला ने पति समेत पूरे परिवार पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवाया।
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साथ ही पिछले दिनों भरण-पोषण का नोटिस भी दिया था। इस बात से ही वृद्ध आहत थे और दो दिन पहले उन्होंने फांसी लगा ली थी। अब बुजुर्ग का सुसाइड नोट सामने आया है। मामले की जांच कर रहे एसआइ रामराज सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच की जा रही है, कि उन्होंने कब लिखा है। पूरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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