
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया में चेयरमैन बनवाने का झांसा देकर एक इंजीनियर से उसके ही दोस्त ने अन्य साथियों के साथ मिलकर 15 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित के दोस्त ने दिल्ली के मंत्रालय में अपनी पहचान बताकर चेयरमैन बनवाने की पेशकश की और उसकी डील करवाकर रुपये हड़प लिए। वहीं आरोपित एक फर्जी आइबी अधिकारी के जरिए वैरीफिकेशन के नाम पर उससे और भी राशि हड़पने की फिराक में थे। लेकिन फरियादी को ठगी की शंका हुई तो उसने पुलिस को सूचना दी। शिकायत पर मिसरोद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार सागर कालोनी में रहने वाले 40 वर्षीय आशीष कुलश्रेष्ठ क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर हैं, जो देशभर के अलग-अलग हिस्सों में फ्रीलांस क्वालिटी कंट्रोल का काम करते हैं। क्वालिटी कंट्रोल के ही एक अन्य इंजीनियर आमोद कुमार पाठक से उनकी पुरानी दोस्ती है। वह दिल्ली का रहने वाला है। मुख्य आरोपित आमोद ने आशीष से कहा कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया में चेयरमैन का पद खाली है। इस पद के लिए वह उसकी नियुक्ति करवा सकता है। इसके लिए उसे दिल्ली चलना होगा। इसके बाद वह आमोद के साथ दिल्ली गए, जहां आमोद ने आशीष की मुलाकात नवीन सिंह से कराई। नवीन सिंह को मिनिस्ट्री का बड़ा अफसर बताया और चेयरमैन बनवाने के लिए 15 लाख रुपए में डील तय हुई। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद दोनों भोपाल लौटकर आ गए, जहां आशीष ने अपने दोस्त के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
बाद में आशीष को बताया कि अब उनका आईबी वेरिफिकेशन करेगी। बुधवार की रात उनके पास अशफाक आलम नाम के व्यक्ति को फोन आता है कि वह आईबी से भोपाल आए हैं, और उनका वेरिफिकेशन करेंगे। चूंकि आशीष गोवा में थे, इसलिए उन्होंने अपने दोस्त शैलेंद्र मिश्रा को भेज दिया। जहां शक होने पर शैलेंद्र मिश्रा ने पुलिस को सूचना दे दी और अशफाक आलम को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि अशफाक आलम का असली नाम राजेश कुमार है, और वह लिफ्ट टैक्निशियन है। उसे आरोपित नवीन कुमार ने ही आईबी अफसर बनने के लिए कहा था। इसके एवज में उसे 70 हजार रुपए दिए थे। कल आशीष गोवा से भोपाल पहुंचे और मामला दर्ज कराया।