
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश के 1,22,20 स्कूलों में से 322 के पास भवन नहीं है। 5600 स्कूल जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं, करीब चार हजार से अधिक स्कूलों में बालिका व बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है, करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों में प्रयोगशाला नहीं है। केंद्र की यूडाइस रिपोर्ट में सत्र 2024-25 में यह बात सामने आई है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के आठ हजार हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में से करीब 200 स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इन स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष की कमी, शौचालय व प्रयोगशाला, बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण चिह्नित किया गया है।
इन स्कूलों के लिए विभाग ने करीब 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से 66 प्रतिशत राशि वित्त विभाग की ओर से जारी कर दी गई है। प्रत्येक स्कूलों को करीब 22 से 30 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। विभाग ने स्कूलों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर फोटो भेजने के लिए कहा है,ताकि इन स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।
प्रदेश के 4,072 स्कूलों में बालिका शौचालय और 4926 स्कूलों में बालकों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं 564 में पेयजल सुविधा नहीं है, साढ़े 39 हजार में बाउंड्रीवॉल और करीब छह हजार में खेल मैदान नहीं है।
स्कूलों को आदेशित किया गया है कि जिन स्कूलों का भवन संरचनाएं अत्यंत जर्जर व जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। उन सभी भवनों को ध्वस्त कर उसी स्थान पर नए भवन का निर्माण कराया जाए। नवीन भवन का निर्माण इस प्रकार कराया जाए, ताकि वर्तमान भवन के साथ समाहित हो। पूरा भवन एक ही इकाई के रूप में उपयोग किया जा सके।
यह भी पढ़ें- MP में सीएम हेल्पलाइन का हाल बेहाल, मदद के लिए 54,909 लोग लाइन पर, कलेक्टर के निर्देश भी बेअसर
प्रदेश में स्कूलों की संख्या-1,22,20
बिजली कनेक्शन नहीं है-10,800
बिजली आपूर्ति नहीं है-14,916
लाइब्रेरी नहीं है-2301
डिजिटल लाइब्रेरी नहीं है-1,19,412
खेल का मैदान नहीं है-6213
पीने का पानी उपलब्ध नहीं है-564
पीने के पानी की सुविधा नहीं है-1365
बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है-4,072
बालकों के लिए शौचालय नहीं है-4926
लोक शिक्षण संचालनालय उप संचालक पीके सिंह ने कहा कि प्रदेश के 200 हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों को चिह्नित किया गया है। जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। इसे देखते हुए 200 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।