
दिलीप मंगतानी, नईदुनिया भोपाल। इंडिगो की उड़ानों का संचालन अचानक बंद होने का सीधा असर न केवल यात्रियों पर पड़ा है, बल्कि इसने सरकारी खजाने को भी चपत लगाई है। अकेले भोपाल हवाई अड्डे को संकट के इन पांच दिनों में ही एक करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरे व्यस्त हवाई अड्डों का नुकसान कई गुना अधिक होगा। भोपाल से किसी भी विमानन कंपनी का टिकट बुक कराने पर यात्रियों को यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF), रीजनल कनेक्टिविटी चार्ज (RCC) और एविशन फीस के रूप में करीब 700 रुपये देने होते हैं। यह शुल्क अलग-अलग हवाई अड्डों पर अलग-अलग होता है। हवाई अड्डा प्राधिकरण इस रकम को यात्री सुविधाओं के संधारण और विस्तार पर खर्च करता है।
राजाभोज हवाई अड्डे से सामान्य स्थिति में प्रतिदिन करीब 5,556 यात्री सफर करते हैं। इंडिगो में अचानक आए संकट के कारण यात्रियों की संख्या का औसत अचानक कम हो गया। चार से आठ दिसंबर के बीच यात्रियों की संख्या बहुत कम हो गई। पाँच दिसंबर को तो रिकॉर्ड 3600 यात्रियों को घर वापस लौटना पड़ा था। इन यात्रियों को इंडिगो ने पूरा पैसा वापस किया। इस वापसी की वजह से हवाई अड्डा प्राधिकरण को मिलने वाला शुल्क नहीं मिल पाया। चार से आठ दिसंबर तक औसत दैनिक यात्री संख्या लगभग 3656 रही है। यानी अथॉरिटी को प्रतिदिन 1900 यात्रियों से यूडीएफ नहीं मिल सकी।
पांच दिन में अथॉरिटी को प्रतिदिन करीब 13 लाख 30 हजार रुपये के शुल्क से हाथ धोना पड़ा। इस मान से यह राशि 66 लाख 50 हजार रुपये होती है। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए प्राधिकरण ने तीन दिन तक पार्किंग शुल्क नहीं लिया था। विमान नहीं आए तो कॉमर्शियल स्पेस शुल्क भी नहीं मिला। हवाई अड्डे पर लाउंज प्रवेश शुल्क प्रति यात्री 75 रुपये है। यात्रियों को छोड़ने आए लोगों को भी टिकट लेकर ही अंदर प्रवेश दिया जाता है। यह सब मिलाकर प्राधिकरण को 30 से 35 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
इंडिगो के संकट के कारण हवाई अड्डे के पैसेंजर ग्रोथ प्लान की गति भी थम सकती है। फिलहाल संकट टल गया है। इंडिगो अब भोपाल से सभी उड़ानों का संचालन कर रहा है लेकिन यात्री संख्या फिर भी कम है। फिलहाल यात्रियों को यह भरोसा नहीं हो रहा है कि संकट पूरी तरह खत्म हो चुका है। इस कारण उड़ानों को 100 प्रतिशत पैसेंजर लोड नहीं मिल पा रहा है।
एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने कहा कि इंडिगो के संकट की वजह से कुछ समय के लिए यात्री कम हुए हैं। अथॉरिटी को राजस्व का नुकसान भी हुआ है लेकिन वे केवल यात्री हित देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि यात्री हित देखते हुए ही कुछ समय तक पार्किंग शुल्क माफ किया गया था। उनका मानना है कि अब स्थिति सामान्य है और औसत फिर से 5500 से अधिक हो जाएगा।
इसे भी पढ़ें... गाड़ी खरीदी अमृता ने, आरसी पहुंची दूसरे के नाम... भोपाल में शोरूम की गलती से महिला परेशान