
MP EV Policy: सौरभ सोनी, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार नई ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) पालिसी बना रही है। पुरानी पालिसी को पांच वर्ष हो चुके हैं और समय के साथ कई परिवर्तन भी हुए हैं। इसे देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ईवी निर्माता कंपनी, ट्रांसपोर्ट संचालकों और विशेषज्ञों के साथ बैठक कर नई पालिसी का प्रारूप तैयार कर रहा है।
मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी में ई-वाहनों को व्यापक रूप से बढ़ावा देने और ई-वाहनों के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित कर प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पसंदीदा स्थान बनाने पर फोकस होगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक-साइकिल, दो पहिया वाहन, तीन पहिया वाहन, चार पहिया वाहन, बस एवं मालवाहक वाहनों के लिए प्रारंभिक प्रोत्साहन की व्यवस्था की जाएगी।
इन वाहनों की श्रेणियों के लिए विशेष प्रोत्साहन जैसे ऋण पर ब्याज में छूट, परमिट, पंजीयन एवं रोड टैक्स में छूट के साथ ही वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहन किया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन के साथ-साथ बैट्री स्वैपिंग के लिए कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। नए/नवीनीकृत भवनों में निजी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए एकमुश्त अनुदान राशि देने का भी प्रविधान किया जाएगा।

नई ईवी पालिसी के लिए केंद्र सरकार की नीति का भी अध्ययन कराया जा रहा है। परिवहन विभाग से भी समन्वय बनाया जा रहा है ताकि क्रियान्वयन में कोई परेशानी न आए। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ईवी चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता को लेकर भी कार्य योजना बनाई जा रही है।
जून 2023 में भी ईवी पालिसी को लेकर एक बैठक हो चुकी है, हाल ही में इसको लेकर बैठक पालिसी के प्रारूप पर चर्चा हुई है। ईवी पालिसी में ई-ट्रक, ई-ट्रैक्टर एवं अन्य वाहन श्रेणियों के लिए प्रौद्योगिकी का आकलन कर पायलट प्रोजेक्ट का भी प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
सरकारी कार्यालय एवं सार्वजनिक स्थानों पर स्लो एवं फास्ट चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे। इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी के सफल क्रियान्वयन के लिए सिंग विंडो क्लीयरेंस स्थापित किए जाएंगे।
नई ईवी पालिसी बनाई जा रही है। इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट संचालकों, ईवी निर्माता कंपनियों और ईवी के क्षेत्र के कार्य करने वाले विशेषज्ञों के साथ मिलकर ईवी पालिसी जल्द मप्र में लागू की जाएगी। सरकारी वाहन क्रय करने में पहली प्राथमिकता ईवी वाहन को दी जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप और लाइव पोर्टल भी बनाया जाएगा। - भरत यादव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन, मप्र