
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने तत्काल आरक्षण प्रणाली (current reservation) में बड़े बदलाव की शुरुआत की है। अब आरक्षण काउंटर से भी तत्काल टिकट बनवाने के लिए यात्री के मोबाइल नंबर पर ओटीपी(One Time Password) भेजा जाएगा।
यह ओटीपी (OTP) बताने के बाद ही तत्काल टिकट जारी होगा। इसकी प्रायोगिक शुरुआत रानी कमलापति से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस से हो गई है। यह ट्रेन देश की पहली ऐसी ट्रेन बन गई है, जिसमें ओटीपी आधारित आरक्षण शुरू किया गया है।
रेल अधिकारियों के मुताबिक इस नई व्यवस्था से ऐसे एजेंटों की भीड़ कम होगी, जो काउंटर खुलते ही कई टिकटों की बुकिंग करने लगते थे। ये टिकट वे भारी कमिशन पर मजबूर यात्रियों को बेचते हैं। नई व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक मोबाइल नंबर से एक समय में सिर्फ एक ही तत्काल टिकट बुक हो पाएगा। इससे यात्री की असली पहचान सुनिश्चित होगी। इससे टिकटिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी और तत्काल बुकिंग में होने वाला फर्जीवाड़ा रुक जाएगा।
अभी शताब्दी एक्सप्रेस की कुल 1500 सीटों में से 30 फीसदी यानी 450 सीटें ओटीपी-आधारित तत्काल कोटे में शामिल हैं। रानी कमलापति और भोपाल स्टेशन से प्रतिदिन 550-600 तत्काल टिकट बनाए जाते हैं, जबकि इन स्टेशनों से लगभग 130 ट्रेनें संचालित होती हैं और 10 से 30 फीसदी यात्री तत्काल टिकट पर यात्रा करते हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रयोग सफल रहा तो देशभर की दूसरी ट्रेनों के आरक्षण में भी ओटीपी प्रणाली लागू की जाएगी।
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तत्काल टिकट आरक्षण में एजेंटों का वर्चस्व तोड़ना रेलवे के लिए बड़ी चुनौती रही है। तत्काल टिकट काउंटर खुलने से पहले एजेंटों की लंबी लाइन लग जाती थी। जिसकी वजह से आम यात्रियों को टिकट मिलने में दिक्कत होती थी और कई बार उन्हें एजेंटों के जरिए महंगे दाम पर टिकट लेना पड़ता था। अब यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए ऑनलाइन भी एजेंट सुबह 10:00 से 10:30 बजे तक एसी क्लास और 11:00 से 11:30 बजे तक नॉन-एसी क्लास के टिकट बुक नहीं कर सकेंगे।
ओटीपी आधारित आरक्षण व्यवस्था लागू होने से कॉल टिकटिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी। टिकटों की अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लगेगी और सामान्य यात्रियों के लिए तत्काल टिकट प्राप्त करना अधिक आसान हो जाएगा।
- नवल अग्रवाल, पीआरओ, भोपाल मंडल