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राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के दिसंबर में दो साल पूरे होने जा रहे हैं। इस उपलक्ष्य पर मोहन सरकार की दो साल की उपलब्धियां जनता के बीच जाकर बताई जाएंगी। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को सुशासन दिवस को भव्यता से मनाया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर अटलजी की जयंती मनाई जाएगी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने विभागों से दो साल की उपलब्धियों की जानकारी मांगी है।
विभागवार जानकारी संकलित कर बुकलेट तैयार की जाएगी। डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब से अब तक विभिन्न नवाचार कर विकसित प्रदेश बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है। मोहन सरकार का जोर सुशासन पर होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की उपलब्धियों में निवेश को बढ़ावा देना, महिला सशक्तीकरण, ई-गवर्नेंस में सुधार और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं। सरकार ने निवेश के लिए औद्योगिक पार्क स्थापित किए हैं, महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा दिया है।
मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य के हर जिले में निवेश को सक्रिय रूप से लाने का काम किया है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, शहडोल, सागर और रीवा में आयोजित क्षेत्रीय रीजनरल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) उद्योग सम्मेलन ने स्थानीय उद्यमियों और उद्योगपतियों को सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ जोड़ा। मुख्यमंत्री ने जर्मनी, स्पेन और जापान सहित प्रमुख देशों के दौरे किए, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश के औद्योगिक अवसरों और निवेश की संभावनाओं को वैश्विक मंच पर पेश किया।
देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में रोड शो के माध्यम से निवेशकों को प्रदेश की सरल सुगम औद्योगिक नीतियों, योजनाओं और अवसरों से सीधे परिचित किया। सितंबर 2025 तक 33 हजार 450 हेक्टेयर में 139 औद्योगिक पार्क तैयार हो चुके हैं जो 2023 की तुलना में दोगुने से अधिक हैं।
उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025 को घोषित किया गया है और चार लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क जैसे कई औद्योगिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे लाखों रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में निवेश प्रोत्साहन केंद्र बनाए गए हैं।
राज्य के लगभग 85 प्रतिशत जिलों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जो प्रत्येक जिले की विशेषताओं और क्षमताओं के अनुरूप हैं।
महिला अपराधों की रोकथाम के लिए 950 महिला ऊर्जा डेस्क और हर जिले में एक महिला थाना स्थापित किया गया है।
महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा दिया गया है, जिससे 47 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं और उन्हें क्रेडिट लिंकेज व वित्तीय सहायता दी गई है।
ई-पंजीयन और ई-स्टांपिंग की परिष्कृत प्रणाली के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वीडियो केवाईसी के माध्यम से 75 दस्तावेजों का पंजीकरण संभव है, जो पूरे देश में पहली बार हो रहा है।
सांकेतिक 2.0 साफ्टवेयर को भी ई-गवर्नेंस पुरस्कार मिला है, जो ऑनलाइन ई-स्टांप की सुविधा देता है।
मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास कार्य जैसे खेत तालाब, अमृत सरोवर और सामुदायिक संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
मनरेगा योजना के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों को रोजगार देने में प्रदेश अग्रणी है।
मुख्यमंत्री जन आवास योजना के माध्यम से सभी को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
चाइल्ड बजटिंग शुरू करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है।
इंदौर और भोपाल के आसपास दो मेट्रोपालिटन क्षेत्र बनाए जा रहे हैं।
इंदौर भोपाल सहित कई शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
कृषि और पशुधन- किसानों की आय बढ़ाने गोपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
नदी जोड़ो अभियान के तहत एक लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास है।