
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ 2028 को देखते हुए पांच हजार से अधिक होमगार्ड सैनिकों की भर्ती की जाएगी। तीन वर्ष में दो माह की काल आफ यानी बिना वेतन ड्यूटी से बाहर रखने की व्यवस्था भी समाप्त होगी। होमगार्ड्स के लिए पीपीपी माडल पर आवास बनाने का प्रयास करेंगे।
विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया और सहरिया युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने कंपनी गठित की जाएगी। होमगार्ड की वर्दी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि राष्ट्रधर्म और जनता के विश्वास का प्रतीक है।
उन्होंने यह बात शनिवार को भोपाल में जहांगीराबाद स्थित परेड ग्राउंड में होमगार्ड स्थापना दिवस के अवसर पर कही। 10 रेस्क्यू टीमों को मिला मुख्यमंत्री अदम्य साहसिक कार्य पुरस्कार सीएम ने इस दौरान ‘मुख्यमंत्री अदम्य साहसिक कार्य पुरस्कार’ की घोषणा की।
इसके तहत कठिन परिस्थितियों में जान-माल की रक्षा करने वाली 10 रेस्क्यू टीमों को प्रतिवर्ष 51 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में इंदौर, शिवपुरी, गुना, रायसेन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़ और उज्जैन की रेस्क्यू टीमों को सम्मानित किया गया।
सीएम ने होमगार्ड को प्रतिवर्ष मिलने वाली अनुकंपा अनुदान राशि 360 रुपये को बढ़ाने की घोषणा की। यहां डीजी होमगार्ड प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में 82 हजार से अधिक नागरिक सुरक्षा वालंटियर्स पंजीकृत हैं। इनमें से 67 हजार को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इंदौर के रालामंडल क्षेत्र को एसडीईआरएफ, होमगार्ड और सिविल डिफेंस के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।