
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेशभर में स्मार्ट मीटरों को लेकर उठ रहे सवालों और शंकाओं को लेकर सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया कि स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ता की सहमति लिया जाना आवश्यक नहीं है। बिजली कंपनियों द्वारा चेक मीटरों को लगाया जा रहा है, अभी तक बिजली वितरण कंपनियों ने 31335 चेक मीटर लगाए हैं।
स्मार्ट मीटरों को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक कैलाश कुशवाह, राजन मंडलोई, दिलीप परिहार द्वारा लगाए गए प्रश्नों के उत्तर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह जानकारी दी। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि भविष्य में स्मार्ट मीटरों की स्थापना के लिए जारी होने वाली निविदाओं में पांच प्रतिशत चेक मीटर लगाए जाने का प्रविधान रखा जाना है।
स्मार्ट मीटरों के संबंध में भी शिकायत प्राप्त होने पर चेक मीटर लगाकर उपभोक्ता की शिकायत का संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाए जाने से विद्युत उपभोक्ताओं को विभिन्न लाभ यथा विद्युत खपत एवं जिलों में पारदर्शिता, रियल टाइम खपत की निगरानी, शासन की सब्सिडी योजनाओं का लाभ पात्र उपभोक्ताओं को प्राप्त होगा।
सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक 20 प्रतिशत की छूट निम्न दाब उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर स्थापित कराए जाने पर दिन के समय (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उक्त स्मार्ट मीटरों में नेट मीटरिंग की उपलब्धता होने के दृष्टिगत सोलर का विकल्प लेने वाले उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के इसका लाभ प्राप्त हो रहा है।
वर्तमान में बिजली कंपनियों को निजी हाथों में बेचने संबंधी कोई भी कार्रवाई प्रचलन में नहीं है। ऊर्जा विभाग अंतर्गत कार्यरत तीनों बिजली वितरण कंपनियों में से पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ही दो निविदाओं के माध्यम से स्मार्ट मीटर क्रय किए गए है। स्मार्ट मीटरों की स्थापना का कार्य डिजायन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन आपरेट ट्रांसफर माडल पर किया जा रहा है।