राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। साइबर ठगों ने पिछले चार वर्ष में प्रदेश के लोगों से करीब 1100 करोड़ रुपये ठग लिए। यह आंकड़ा लगातार बढ़ने की आशंका है। इसे देखते हुए प्रदेश में दो अक्टूबर से एक माह के लिए साइबर जागरूकता का विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है। इसमें स्कूल-कॉलेज, कॉरपोरेट कार्यालयों से लेकर अनाथालयों तक में साइबर अपराध और इनसे बचने के उपाय बताए जाएंगे। प्रदेश में पहली बार एक माह का साइबर जागरूकता अभियान प्रारंभ किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में सभी राज्यों को विशेष जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा था। इसी परिप्रेक्ष्य में मध्य प्रदेश ने अभियान प्रारंभ कर दिया है। इसके पहले पुलिस ने इसी वर्ष 'सेफ क्लिक' के नाम से 15 दिन का अभियान प्रारंभ किया था। डीआइजी (सायबर) सियास ए ने बताया कि अनाथालयों में पहली बार जागरूकता के कार्यक्रम होंगे। साइबर अपराध से संबंधित सभी विषयों को समाहित करते हुए एक माह में अधिक से अधिक लोगों तो पहुंचने की कोशिश करेंगे।
अनाथालयों के बच्चों के लिए अलग जागरूकता पाठ्यक्रम बनाया गया है। दरअसल, ये बच्चे मोबाइल की दुनिया से दूर हैं। कुछ तो यह भी नहीं समझते कि वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) क्या होता है। ऐसे में उन्हें सबसे पहले बुनियादी बातें और इसके बाद साइबर अपराध से बचने के तरीके बताए जाएंगे। उन्हें इस तरह से तैयार किया जाएगा कि 18 वर्ष की आयु के बाद जब वे अनाथालय से निकलें तो आभासी दुनिया से अनभिज्ञ न रहें।
- जागरूकता के लिए राज्य साइबर मुख्यालय की तरफ से हर दिन की अलग थीम निर्धारित की गई है, जिससे कोई विषय छूटे नहीं।
- साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति सबसे पहले थाने पहुंचता है, इस कारण थाने के स्टाफ को जागरूक किया जाएगा।
- रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों में जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक किए जाएंगे।
- जिलों में रैलियां निकाली जाएंगी। जागरूकता के अन्य कार्यक्रम होंगे।
प्रदेश में वर्ष 2021 से अभी तक लगभग 1100 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। यानी प्रतिवर्ष औसतन 275 करोड़ रुपये की ठगी हो रही है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ठगी गई राशि में पुलिस ने लगभग 10 प्रतिशत ठगों के खाते में रुकवा दी है। यानी कोर्ट से निपटारा होने के बाद यह राशि पीड़ितों को मिलने की पूरी आशा है। हालंकि, अभी तक पीड़ितों को एक करोड़ 94 लाख रुपये ही मिल पाए हैं जो ठगी का आधा प्रतिशत भी नहीं है। ठगों ने किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच दिया तो किसी को आपराधिक प्रकरण में फंसे होने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी कर ली। सरकारी और कारपोरेट के अधिकारी भी ठगे गए।
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