
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। एमपी में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। शनिवार से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक प्रारंभ हुई। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह और प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जिला अध्यक्ष और प्रभारियों को नसीहत दी कि दावेदारों के नाम सोच-समझकर दीजिए। सबको चुनाव जिताने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।
सामूहिक बैठक के बाद संभागवार जिला अध्यक्ष और प्रभारियों के साथ बैठक शुरू हुई। यह तीन दिन तक चलेगी। इसमें दावेदारों को लेकर रायशुमारी की जाएगी और फिर स्क्रीनिंग कमेटी नाम प्रस्तावित करेगी। जिला अध्यक्ष और प्रभारियों से स्क्रीनिंग कमेटी ने सीलबंद लिफाफे में दावेदारों के नाम लिए और फिर उनसे एक-एक करके दावेदारी के आधार, क्षेत्र के जातीय समीकरण, वर्तमान स्थिति और जीत की संभावना को लेकर चर्चा की। इन नामों पर अगले तीन दिन में ब्लाक इकाई, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद सहमति के आधार पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को नाम प्रस्तावित किए जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भी कह दिया कि मेरा कोई नाम नहीं है, जिसमें जीतने की क्षमता होगी, वही प्रत्याशी होगा। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने प्रत्याशियों को लेकर कोई पैनल नहीं बनाई है। वहीं, कार्यालय के बाहर लगा एक पोस्टर चर्चा के केंद्र में रहा। इसमें लिखा गया कि सच्चे कांग्रेसियों को सजा मत दो, 2018 के निर्दलीयों को इस बार ना कहो। जिला अध्यक्षों की निष्क्रियता पर कमल नाथ ने जताई नाराजगी बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने जिला अध्यक्षों की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई।
सुरजेवाला ने कहा कि हमने कर्नाटक में जिला और ब्लाक अध्यक्षों के साथ चुनाव लड़ा और परिणाम सामने है। 70 प्रतिशत लोगों से सीधा संपर्क किया। यहां 80 प्रतिशत तक संपर्क हो चुका है और मंडलम, सेक्टर बने हैं। संगठन का विस्तार नीचे तक हो चुका है। चुनाव आपको ही लड़वाना है। जो जिला अध्यक्ष अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उनकी कर्नाटक की तरह सरकार में भूमिका तय होगी। जब प्रत्याशी घोषित हो जाए तो सहमति और समन्वय बनाने का काम करें। सूत्रों के अनुसार यह इशारा कर दिया गया है कि नए चेहरों को इस बार आगे किया जाएगा।