
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा फर्जीवाड़ा कर जाली दस्तावेज तैयार करने और पासपोर्ट बनवाने का मामला सामने आया है। पुलिस की जांच के बाद इन दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक भाइयों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है। अधिकारी बता रहे हैं कि पिछले दिनों इंटेलिजेंस से इन दोनों की जांच के लिए एक पत्र आया था, जिस पर जांच के बाद कार्रवाई की गई है।
कोलार पुलिस के मुताबिक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मोह रिहान अंसारी पिता सफकूल हक अंसारी और मोह मकबूल अंसारी पिता सफकूल हक अंसारी ने राजवैद्य कॉलोनी, कोलार रोड के पते का उल्लेख कर भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। संदेह होने पर इंटेलिजेंस की ओर से इस मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त अंजली रघुवंशी के पास एक पत्र आया था।
सहायक पुलिस आयुक्त ने अपनी जांच में पाया कि दोनों आरोपितों ने 7 अगस्त 2014 से 11 माह के लिए कोलार की राजवैद्य कॉलोनी (कोलार रोड) के पते पर मकान मालिक लक्ष्मी ठाकुर के साथ एक नोटरी पर किरायेदारी का अनुबंध पत्र प्रस्तुत किया था। इस अनुबंध के आधार पर उन्होंने आधार कार्ड और मतदाता पत्र बनवाए थे, जिन्हें बाद में पासपोर्ट बनवाने के दौरान प्रस्तुत किया गया था। जांच में पाया गया कि दोनों आरोपित उस मकान में कभी रहे ही नहीं थे। मकान मालिक के बयानों में इस बात की पुष्टि होने के बाद, दोनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के बाद कोलार पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। दोनों भाई पासपोर्ट लेने के बाद से गायब हैं। उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है और इस काम में साइबर पुलिस तथा क्राइम ब्रांच का सहयोग लिया जा रहा है।
कुछ माह पहले इंटेलिजेंस के एक पत्र पर दोनों संदिग्ध संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की पासपोर्ट की जांच के लि,उ पत्र आया था। उस पर जांच के बाद आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है। - मयूर खंडेलवाल, पुलिस उपायुक्त जोन 4
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