
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: राज्य सरकार बस परमिट नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी कर रही है। अब किसी भी बस को उसके रूट के लिए उतनी ही अवधि का परमिट दिया जाएगा, जितनी उसकी निर्धारित आयु है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बस का संचालन निर्माण तिथि से 15 वर्ष तक ही संभव है, तो परमिट भी अधिकतम 15 वर्ष तक का ही होगा।
वर्तमान व्यवस्था में परमिट पांच-पांच वर्ष की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं, जिसके कारण कई मामलों में बसों के परमिट 15 वर्ष से भी अधिक अवधि के लिए वैध दिखाई देते हैं। जबकि राज्य के भीतर बस संचालन की अधिकतम सीमा 15 वर्ष और अंतरराज्यीय संचालन की सीमा 10 वर्ष तय है।
हाल ही में परिवहन सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर उन 899 बसों की सूची भेजी है जिनके परमिट 15 वर्ष से अधिक अवधि के लिए जारी किए गए हैं। सचिव ने आशंका जताई है कि ये बसें संभवतः अभी भी चल रही होंगी, इसलिए इनकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस पत्र के बाद परिवहन आयुक्त कार्यालय ऐसे नियम लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत बसों के परमिट उनकी अधिकतम आयु की अवधि के भीतर ही सीमित रहेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, परमिट वाहन मालिक के नाम पर जारी होता है, जिसमें बस नंबर और रूट का उल्लेख रहता है। पांच वर्ष का परमिट इसलिए दिया जाता था ताकि बस की 15 वर्ष की अवधि पूरी होने पर मालिक उसी रूट पर अनुमति लेकर दूसरी बस संचालित कर सके और नया परमिट लेने की आवश्यकता न पड़े। लेकिन अब नई व्यवस्था में यह समयसीमा बस की अधिकतम आयु से आगे नहीं जाएगी।
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