नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां शासन द्वारा एक अप्रैल से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चला रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सीहोर के बिशनखेड़ी गांव में ग्रामीण भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि ग्रामीण इसकी शिकायत पंचायत सचिव से लेकर सीहोर कलेक्टर तक को कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन गांव में एक बोर तक नहीं खुदवा पाया है।
जब ग्रामीणों का सीहोर के जिला प्रशासन से विश्वास उठ गया तो वह बुधवार को आवेदनों की पांच मीटर लंबी पूंछ लेकर गांव से 60 किलोमीटर दूर भोपाल संभागायुक्त कार्यालय न्याय मांगने पहुंचे। बता दें कि बिशनखेड़ी में भीषण जलसंकट को लेकर ग्रामीण पिछले दिनों मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर नलकूप खनन कराने की मांग तक कर चुके हैं।
जिस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने नलकूप खनन कराने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन यह नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार ग्राम बिशनखेड़ी के रहने वाले बजरंगी नागर बुधवार को 100 से अधिक आवेदनों की पूंछ बनाकर ग्रामीणों के साथ भोपाल संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे।
उन्होंने संभागायुक्त संजीव सिंह के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बिशनखेड़ी गांव में धाकड़ मोहल्ला मुरलीधर बाड़े के पास शीघ्र नलकूप खनन कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद भी संरपच पति की मनमानी और उच्च स्तरीय राजनीतिक दवाब के कारण पीएचई विभाग को मशीन द्वारा बोर खनन नहीं करने दिया जा रहा है, मशीन को भगाया जा रहा है।
उच्च स्तरीय राजनीति ही जल संकट को दूर नहीं करना चाह रही है। सीहोर जिला कलेक्टर से चर्चा हो चुकी है, लेकिन समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। ऐसे में जाचं दल गठित कर मौके पर जांच कराई जाकर जल सकंट से जूझ रहे ग्रमीणों की समस्या को हल किया जाना चाहिए। साथ ही दोषी सरपंच पति व तहसील इछावर के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
बजरंगी नागर ने बताया कि पीएचई विभाग द्वारा दो बार बोर की खोदाई कराने के लिए मशीन भेजी गई लेकिन सरपंच पति जितेंद्र तमोलिया ने बोर नहीं लगने दिया। दूसरी बार फिर से मशीन आई तो नायब तहसीलदार किशोर कटारे ने रोक लगा दी और मशीन को हटवा दिया।
शिकायत कर्ता बजरंगी नागर ने बताया की सरपंच पति द्वारा पानी की टंकी की राशि तो ले ली, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया है। जिसकी शिकायत कलेक्टर जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन पर की जा चुकी है।
पांच साल में दिए पांच पंप
पीएचई विभाग सीहोर द्वारा पंचायत बिशनखेड़ी को पांच साल में पांच विद्युत पंप दिए गए हैं, लेकिन इनका कुछ पता नहीं है। जिसकी जांच कराने के लिए ग्रामीणों ने मांग की है, पिछले वर्ष सरपंच पति ने अपने घर में शासकीय बोर करवा लिया था। जिसका पंप निकालकर गायब कर दिया गया है, दो हजार से अधिक आबादी वाले गांव में 20 हैंडपंप हैं, लेकिन जलापूर्ति दो से होती है बाकि सभी सूख गए हैं।
सीहोर के बिशनखेड़ी गांव से ग्रामीण जलसंकट की समस्या लेकर आए थे। जिनके आवेदन पर संज्ञान लेते हुए सीहोर जिला पंचायत सीईओ, पीएचई के अधिकारियों को जांच कर समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। संभागायुक्त द्वारा हर सप्ताह विशेष तौर पर नल-जल सहित अन्य पेयजल योजनाओं की समीक्षा की जाती है।- डॉ. विनोद यादव, संयुक्त आयुक्त (विकास)