
नईदुनिया प्रतिनिधि, छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत महतौल में इंदौर निवासी मुस्लिम युवती का गलत जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले में की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। अभी तक प्रारंभिक रूप से लगभग एक हजार बाहरी लोगों के जन्म प्रमाण पत्र बनाए हुए पाए गए। इसमें से 85 मुस्लिम एवं छह ईसाई समुदाय के जन्म प्रमाण पत्र ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिनके संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि ये लोग गांव के निवासी नहीं हैं, न ही इन्हें गांव में कभी देखा गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, इंदौर निवासी रिहान का निकाह इंदौर की ही अंजुम खान से हुआ था। रिहान के इंदौर निवासी अधिवक्ता सुभाष पंचाल के अनुसार, शादी से अंजुम के परिवार वाले राजी नहीं थे, इसलिए अंजुम के परिवार वालों ने इंदौर के थाना चंदननगर में नाबालिग से जबरन विवाह और अपहरण का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस मामले में जांच अधिकारी थाना चंदन नगर के एसआई जहीरुद्दीन खान को अंजुम का जो जन्म प्रमाण पत्र बताया गया, वह छतरपुर के नौगांव स्थित ग्राम पंचायत महतौल से बना था, जबकि ग्राम पंचायत महतौल में कुल आबादी में कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता।
पड़ताल के बाद खुलासा
इस मामले की पड़ताल जब छतरपुर जिला प्रशासन ने कराई तो पाया गया कि महतौल के पंचायत सचिव प्रेमचन्द्र रैकवार द्वारा 24 सितंबर 2025 को अंजुम खान पिता अब्दुल रसीद निवासी गीता नगर इंदौर का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया। अंजुम की जन्म तिथि 11 फरवरी 2008 बताई गई, जबकि एक वर्ष से अधिक अवधि का जन्म प्रमाण पत्र बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमति आदेश के जारी नहीं किया जा सकता था।
ग्राम महतौल में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र बिना किसी साक्ष्य एवं आवश्यक दस्तावेज के जारी किया गया है। रैकवार को निलंबित कर अन्य प्रमाण पत्रों की जांच बैठाई गई थी, जिसमें अन्य मामले भी सामने आए हैं।
मतांतरण के एंगल से जांच
जिला पंचायत, सीईओ, नमः शिवाय अरजरिया का कहना है कि इस मामले में मतांतरण के एंगल से भी जांच की जा रही है। गलत एवं फर्जी तरीके से जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी और जिनके जन्म प्रमाण बनाए गए हैं यह कौन और कहां के लोग हैं यह भी पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही अनुचित लाभ लेने या अन्य उद्देश्य से बनाए गए जन्म प्रमाण पत्र में शामिल सभी संबंधित पर जांच पूरी होने पर विधि संगत कार्रवाई की जाएगी।