
नईदुनिया प्रतिनिधि, दमोह। Damoh Railway Station: जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर शनिवार की अलसुबह हैरान कर देने वाली एक घटना में मां की गोद में बैठे ढाई माह के बच्चे पर हमला बोलकर एक अज्ञात सिरफिरे ने उसके साथ हाथापाई की। इससे मासूम की मौत हो गई। स्टेशन के मुख्य द्वार पर यह घटना उस समय अंजाम दी गई, जब बच्चे को उसकी मां पानी पिला रही थी। इसके बाद सिरफिरा फरार हो गया।

माना जा रहा है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की वजह से आरोपित ने बच्चे पर हमला बोला। चौंकाने वाली बात यह है कि सिरफिरा मासूम पर वार करता रहा और मौके पर मौजूद जीआरपी पुलिस वाले चुपचाप खड़े देखते रहे। वहीं देर रात आरोपित कमलेश विश्वकर्मा को छतरपुर जिले के गोलगंज से स्थानीय पुलिस की सहायता जीआरपी के दल ने गिरफ्तार कर लिया। जीआरपी एसपी सिमाला प्रसाद ने आरोपित की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
मृत बच्चे के पिता लेखराम आदिवासी ने बताया कि वह पत्नी और बच्चे के साथ शनिवार को सुबह लगभग पांच बजे गोंडवाना एक्सप्रेस से दिल्ली से आया था और दमोह रेलवे स्टेशन पर उतरा था। उसे मडियादो जाना था, लेकिन रास्ते में उसके बच्चे की तबीयत खराब हो जाने पर वह उसे इलाज के लिए दमोह के जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी में था।
प्लेटफार्म के पास स्टेशन के मुख्य द्वार पर पत्नी बच्चे को पानी पिला रही थी और वह फोन पर अपने भाई से बात करने लगा। इसी दौरान काला कुर्ता और केसरिया धोती पहने आरोपित अचानक वहां आया और उसने मासूम बच्चे को पीटना शुरू कर दिया। लेखराज और उसकी पत्नी कुछ भी समझ पाते तब तक आरोपित बच्चे को अनेक थप्पड़ मार चुका था।
लेखराज और उसकी पत्नी ने सिरफिरे आरोपित से बच्चे को बचाने का प्रयास किया तो वह उनपर भी हमलावर हो गया। इसके बाद वह स्टेशन से भाग खड़ा हुआ, लेकिन उसके हमले से बच्चे को गंभीर चोटें आईं और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना को जिस तरह से अंजाम दिया गया, उससे आरोपित मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं लगता।
बच्चे के पिता लेखराम आदिवासी ने जीआरपी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के दौरान प्लेटफार्म पर मौजूद पुलिस वालों से उसने मदद की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की, बल्कि उन्हें गालियां देते हुए वहां से भगा दिया। इसके बाद लेखराज ने डायल-100 पर कॉल की, तब कार्रवाई प्रारंभ हुई।