Pitambara Mandir-पीतांबरा पीठ में बनेगा वैदिक रिसर्च सेंटर, दुर्लभ किताबें डिजिटलाइज कर रखी जाएंगी
पीतांबरा पीठ परिसर में साधकों और शोधार्थियों के लिए तंत्र-मंत्र साधना व Pitambara Peeth:आध्यात्मिक साहित्य के अध्ययन हेतु एक वैदिक रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा रही है। यहां पूज्य पाद स्वामीजी महाराज की लिखित पांडुलिपियां भी उपलब्ध रहेंगी।
Publish Date: Thu, 10 Jul 2025 08:50:30 AM (IST)
Updated Date: Thu, 10 Jul 2025 08:50:30 AM (IST)
पीतांबरा पीठ में बनेगा वैदिक रिसर्च सेंटरHighLights
- पीतांबरा पीठ में बनेगा वैदिक रिसर्च सेंटर।
- पूज्य पाद स्वामीजी महाराज की लिखित पांडुलिपियां भी रहेंगी उपलब्ध।
- राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया भूमिपूजन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, दतिया,Pitambara Peeth। पीतांबरा पीठ परिसर में साधकों और शोधार्थियों के लिए तंत्र-मंत्र साधना व आध्यात्मिक साहित्य के अध्ययन हेतु एक वैदिक रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा रही है। लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस रिसर्च सेंटर का भूमिपूजन बुधवार को ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया।
इस सेंटर की विशेषता यह होगी कि इसमें पूज्य पाद स्वामीजी महाराज की हस्तलिखित 120 पांडुलिपियां, देशभर के संतों और शंकराचार्यों द्वारा भेंट की गईं पुरातन धार्मिक पुस्तकें तथा अन्य आध्यात्मिक सामग्री शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होगी। इन 683 दुर्लभ पुस्तकों को डिजिटल फॉर्मेट में संरक्षित किया जाएगा, जिन्हें ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा भी दी जाएगी।
रिसर्च सेंटर के निर्माण में मुंबई निवासी टेक्सटाइल कारोबारी सुरेश सरिया आर्थिक सहयोग कर रहे हैं, जिनके पिता शिवभगवान सरिया स्वामीजी महाराज के शिष्य रहे हैं। पुणे निवासी प्रमोद वर्मा इसका अकादमिक सहयोग संभाल रहे हैं। सुरेश सरिया ने बताया कि स्वामीजी की पांडुलिपियों के लगभग छह हजार पृष्ठों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।
पीठ के व्यवस्थापक महेश दुबे के अनुसार, स्वामीजी महाराज के 9 जुलाई 1929 को दतिया आगमन की तिथि को ध्यान में रखते हुए भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आधुनिक वैदिक रिसर्च सेंटर 10 हजार वर्गफीट में बनाया जाएगा, जिसमें शोधार्थियों के ठहरने की व्यवस्था, ऑडिटोरियम व रीडिंग रूम शामिल होंगे, ताकि देश-विदेश से आने वाले साधक तंत्र-मंत्र और आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध साहित्य का लाभ ले सकें।