
नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। अंतरराष्ट्रीय जुजित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम की आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच में जुटी है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि सरकारी नौकरी न मिलने और बीमारी के कारण खेल से दूरी बनाने के चलते रोहिणी तनाव में थीं।
जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष को फोन
घटना से पहले रोहिणी के पास मप्र जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह का फोन आया था। पुलिस ने प्रीतम सिंह और कोच विजेंद्र खरसोदिया के बयान दर्ज किए। जांच में यह बात सामने आई कि बातचीत के दौरान रोहिणी ने कहा था कि “आप लोग मेरे लिए कुछ नहीं करवा पा रहे। मैं खुद ही अपने लिए अवार्ड ले लेती हूं।” इसके तुरंत बाद रोहिणी ने फांसी लगा ली थी।
रविवार को 35 वर्षीय रोहिणी कलम, निवासी अर्जुन नगर (राधागंज), ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वे जुजित्सु में कई पदक जीत चुकी थीं।
बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी ने बताया कि प्रीतम ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि संघ में विजेंद्र खरसोदिया अध्यक्ष, वे खुद उपाध्यक्ष और रोहिणी सचिव थीं। जल्द ही संघ के माध्यम से प्रदेशव्यापी कार्यक्रम होने वाला था।
सरकारी नौकरी के लिए कोशिश
रोहिणी, प्रीतम और विजेंद्र खरसोदिया के माध्यम से लगातार प्रयासरत थीं कि उन्हें शासकीय नौकरी मिल जाए। रविवार को भी रोहिणी ने प्रीतम को फोन कर कहा कि वह परेशान हो चुकी हैं। उनकी आवाज़ से साफ लग रहा था कि वह तनाव में हैं। इस पर प्रीतम ने विजेंद्र खरसोदिया से बात की। विजेंद्र ने रोहिणी को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद विजेंद्र ने रोहिणी की बहन को फोन कर कहा कि जाकर देखो, कहीं वह कोई गलत कदम न उठा लें।