नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। माता की भक्ति में लीन शहर में मंगलवार को हुई घटना ने कई सवाल खड़े किए। शर्मसार कर देने वाली घटना से न केवल शहर की छवि धूमिल हुई, बल्कि सेवा भाव से श्रद्धालुओं की अगवानी करने वाले शहर की आत्मा पर भी प्रहार हुआ। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से आए परिवार के साथ प्रसाद दुकान वालों ने मारपीट की। वजह सिर्फ ये थी कि दुकान वालों से प्रसाद नहीं लिया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से देवास माता टेकरी पर दर्शन करने आए परिवार के साथ मंगलवार को शहर में अप्रिय घटना हुई। परिवार द्वारा स्टेशन रोड पर प्रसाद की दुकान लगाने वाले व्यक्ति से प्रसाद नहीं ली तो उनके साथ 4-5 लोगों ने जमकर मारपीट की। इस दौरान स्टेशन रोड पर भीड़ लग गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और राहगीरों ने परिवार के सदस्यों को बचाया। बाद में कोतवाली पुलिस ने दो महिलाओं, एक नाबालिग किशोर और दो पुरुषों के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, अपनी कार से त्रिपाठी परिवार के सदस्य देवास माता टेकरी पर दर्शन के लिए आए थे। इसी दौरान स्टेशन रोड पर लगी अस्थायी प्रसाद दुकान के संचालकों ने उनको जबरदस्ती प्रसाद खरीदने के लिए विवश किया। उन्होंने प्रसाद लेने से इनकार कर दिया तो एक लड़के को उनकी कार के सामने खड़ा कर यह आरोप लगाया कि टक्कर मार दी। इसके बाद दो महिलाएं व दो पुरुषों के साथ एक नाबालिग ने परिवार से गालीगलौज की और उनसे मारपीट करने लगे। इस दौरान परिवार के एक सदस्य के कपड़े तक फट गए।
मौके पर ही मौजूद पुलिस जवानों व आसपास के लोगों ने इनको रोकने का प्रयास किया, तो उनसे भी झूमाझटकी की। कोतवाली थाने से पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार को लाया गया। परिवार के सदस्यों से TI श्यामचंद्र शर्मा ने चर्चा की, जिसके तुरंत बाद पुलिस ने दो महिलाओं व एक नाबालिग को पकड़ा। मारपीट करने वाले दो पुरुषों की तलाश में भी पुलिस टीम को भेजा गया है। इधर, परिवार के सदस्यों ने मामले में FIR करवाने से इनकार कर दिया और वे पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट होकर रवाना हो गए।
कोतवाली टीआई श्यामचंद्र शर्मा ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ मारपीट सहित बलवा व शासकीय कार्य में बाधा की धारा लगाई है। जब पुलिस बीच-बचाव कर रही थी, तो पुलिस से भी झूमाझटकी की थी। आरोपितों के नाम मनु बाई, सोनू बाथम व सागर रायकवार है। एक नाबालिग आरोपित भी है। घटना के बाद नगर निगम की टीम भी हरकत में आई और प्रसाद दुकानों को तोड़ा गया।
प्रसाद दुकान वालों की दादागीरी का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन कार्रवाई के नाम पर मुंह फेर लेता है। दबी जुबान लोग चर्चा करते हैं कि भाजपा नेताओं के संरक्षण के चलते ही यह सब होता है, वरना पुलिस-प्रशासन के सामने किसका जोर चल सकता है। नवरात्र में तो पार्किंग के मनमाने रुपये लेने तक की शिकायत भी होती है।
नवरात्र से पहले इस संबंध में ज्ञापन भी दिया गया था। पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि यह देवास की परंपरा के खिलाफ है। प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण यह हुआ है। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस-प्रशासन विवश है, क्योंकि राजनेताओं के संरक्षण से ही देवास में सब हो रहा। अपने हित के लिए आंदोलन करने वाले नेता शहरहित में आगे नहीं आते।
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