
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, धार, रीवा, शहडोल और छिंदवाड़ा जिलों में पड़ने वाले नेशनल और स्टेट हाईवे पर 142 ब्लैक स्पॉट (संभावित दुर्घटना स्थल) चिह्नित किए गए हैं। इनकी वजह से दुर्घटनाओं की आशंका काफी बढ़ गई है। ऐसे में इन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने और स्टेट हाईवे में सुधार की कवायद शुरू की गई है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MPRDC) के अधिकारियों ने चार पैकेज तैयार कर इन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए सेफ्टी कंसल्टेंट (संरक्षा सलाहकार) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। इन पर 2.84 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
MPRDC के चीफ इंजीनियर राकेश जैन के अनुसार ये कंसल्टेंट कंपनियां इन ब्लैक स्पॉट का सर्वे कर विस्तृत DPR तैयार कर MPRDC को सौंपेंगी। इसके बाद सुधार का कार्य कराया जाएगा। प्राथमिक तौर पर भोपाल और नर्मदापुरम में 43 ब्लैक स्पॉट, इंदौर व उज्जैन क्षेत्र में 41, ग्वालियर व सागर क्षेत्र में 21 और जबलपुर क्षेत्र के आसपास 37 ब्लैक स्पाट चिह्नित किए गए हैं। इन्हें समाप्त करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सूचीबद्ध कंसल्टेंट ही अधिकृत होकर टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। हर ब्लैक स्पाट का मौके पर पहुंचकर सर्वे का कार्य किया जाएगा कि उन्हें समाप्त करने के लिए हाईवे की संरचना में किस बदलाव की जरूरत है। किसी स्थान पर चेतावनी संकेतक लगाकर काम चल सकता है या फिर कहीं किसी बड़ी संरचना को तैयार किया जाना है। इस आधार पर एमपीआरडीसी द्वारा सुधार कार्य कराए जाएंगे। -
भोपाल क्षेत्र
भोपाल-जबलपुर हाईवे पर समरधा ब्रिज और 11 मील, भोपाल-देवास हाईवे पर चिरायु अस्पताल के सामने, भोपाल-बैरसिया सिरोंज रोड पर गोलखेड़ी तिराहा, दुर्गा मंदिर तिराहा, शमशाबाद चौराहा को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा भोपाल-विदिशा मार्ग, भोपाल-देवास मार्ग, रायसेन-राहतगढ़, गुना-आरोन मार्ग, बुधनी-इटारसी मार्ग, बैतूल-परतवाड़ा, बैतूल-सारणी, हरदा-खंडवा मार्ग सहित 43 ब्लैक स्पॉट चिह्नित हैं। इनके सर्वे के लिए 86 लाख रुपये की राशि तय की गई है।
इंदौर, उज्जैन व धार
इंदौर डिवीजन के अंतर्गत खरगोन जिले में सनावद-खरगोन, धार रोड, बड़वाह-धामनोद, खंडवा-देडतलाई, मुंदी-पुनासा, उज्जैन-इंदौर रोड पर 13 ब्लैक स्पॉट हैं। धार में खलघाट-मनावर रोड, महू-घाटा बिल्लौद मार्ग, मनावर-मंगोद, खरगोन-बड़वानी मार्ग पर 10 ब्लैक स्पॉट हैं। उज्जैन डिवीजन में उज्जैन-मक्सी मार्ग, सिंहस्थ बायपास, उज्जैन-जावरा, देवास बायपास, लेबड़-जावरा, जावरा-नयागांव पर 18 मिलाकर कुल 41 ब्लैक स्पॉट के सर्वे के लिए 82 लाख रुपये की राशि तय की गई है।
ग्वालियर व सागर क्षेत्र
ग्वालियर डिवीजन के अंतर्गत गुना-अशोकनगर मार्ग, अशोकनगर-थूबोन, लुकवासा-ईसागढ़-चंदेरी पर पांच ब्लैक स्पॉट हैं। भिंड जिले में भिंड-मिहोना मार्ग, ग्वालियर-भिंड-इटावा मार्गों पर छह ब्लैक स्पॉट पाए गए हैं। सागर डिवीजन के अंतर्गत दमोह-कटनी मार्ग, पाटन-तेंदुखेड़ा-रहली, टीकमगढ़-जतारा मार्ग पर 10 ब्लैक स्पॉट हैं। इनके सर्वे पर 42 लाख रुपये खर्च होंगे।
जबलपुर, रीवा, शहडोल व छिंदवाड़ा
जबलपुर डिवीजन में जबलपुर-पाटन-शाहपुरा मार्ग, तिलवारा-चरगवा-गोटेगांव, सिहोरा-मझगवां मार्ग, जबलपुर-भोपाल हाईवे, जबलपुर-नरसिंहपुर रोड पर कुल 13 स्पॉट हैं। रीवा में मझगवां-चाकघाट, बहरी-हनुमाना, बरगदा-बैढ़न, रीवा-हनुमना मार्ग, ब्योहारी-सीधी रोड पर 13 स्पॉट हैं। वहीं शहडोल में टेटका शहडोल, रीवा-टेटका, बुढ़ार-अमरकंटक पर आठ ब्लैक स्पॉट हैं। छिंदवाड़ा में सिवनी-बालाघाट मार्ग और सिवनी-कटंगी मार्ग पर तीन ब्लैक स्पॉट हैं। इनका सर्वे 74 लाख रुपये से किया जाएगा।
MPRDC चीफ इंजीनियर राकेश जैन ने कहा कि प्रदेश के हाईवे पर 142 ब्लैक स्पॉट खत्म करने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। हम फिलहाल सेफ्टी कंसल्टेंट की नियुक्ति करने जा रहे हैं, जो इन स्पॉट का सर्वे कर इन्हें खत्म करने के उपाय सुझाएंगे। इसके लिए चार पैकेज तैयार कर टेंडर प्रक्रिया की जा रही है।