नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। राजस्थान के झालावाड़ में वर्षा के दौरान स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद नईदुनिया ने 26 जुलाई को शहर के तीन स्कूलों के भवनों का जायजा लिया और उन्हें जर्जर पाया था। साथ ही पूरे जिले के सरकारी स्कूलों के भवनों के जर्जर होने की संभावना व्यक्त की थी। नईदुनिया में खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग को स्कूल भवनों का सर्वे कर भवनों की स्थिति की रिपोर्ट देने के लिए कहा था। रिपोर्ट में जिले भर के 1400 स्कूल भवनों में 429 जर्जर मिले थे। इन स्कूलों में से 220 स्कूलों के भवन तो कक्षाएं लगाने के लायक भी नहीं है।
रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग ने जर्जर स्कूलों की सूची प्रशासन को भेजी है और इनके पुर्ननिर्माण के लिए प्रस्ताव भी शासन को भेजे हैं। साथ ही जर्जर स्कूलों को पास के किसी अन्य भवन में चलाने के लिए भी निर्देश दिए हैं। जिले के शासकीय स्कूलों के सर्वे में सामने आया कि कई भवन 50 साल से अधिक पुराने हैं, जिनमें अब पढ़ाई कराना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं। नेवली, बड़ागांव, सिंधिया नगर, चचेरा, गढ़ा, समूदपुर, गिरगांव, रिसईसर, राघौगढ़, खुरैरी, ताल, रायरू, डबरा, मुरार, तिघरा, भितरवार, घाटीगांव, लुकवासा सहित 50 से ज्यादा स्कूल भवन ऐसे हैं जिनकी स्थिति बेहद खराब है।
जर्जर स्कूल भवनों की सूची बनाकर शासन को भेज दी गई है। बारिश के सीजन में ऐसी इमारतों में पढ़ाई रोकने के निर्देश दिए गए हैं। प्राथमिकता के आधार पर नवनिर्माण व मरम्मत का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
- रवींद्र सिंह तोमर, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र ग्वालियर
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