नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्वालियर के महाराजपुरा स्थित एयर फोर्स के एयर बेस के पास स्थित भौड़ेरी में बगैर नागरिकता के वर्षों से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद ग्वालियर पुलिस व खुफिया तंत्र की सक्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब उन्हें डिपोर्ट करने के लिए विदेश मंत्रालय को जानकारी भेजी जा रही है। यहां रहते मिले बांग्लादेशी परिवार वर्षों से थे। यहीं उनके दो बच्चों का जन्म हुआ। इनके दस्तावेज यहां बनवा लिए गए। इन्हें देवेंद्र सिंह कंसाना ने अपने रिश्तेदार अरविंद गुर्जर के मकान में रखा था। उससे भी पुलिस पूछताछ कर रही है।
बांग्लादेशी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद अब ऐसे 10 इलाके चिह्नित किए गए हैं, जो मुस्लिम बाहुल हैं। यहां पुलिस द्वारा फिर से सर्वे कराया जाएगा, ताकि बगैर नागरिकता के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यहां रह रहे लोगों को चिह्नित किया जा सके। जिस महाराजपुरा क्षेत्र से इन्हें पकड़ा गया है वह भारतीय वायुसेना के प्रमुख स्टेशनों में शामिल है।
चौंकाने वाला तथ्य तो यह है कि अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा पिछले दिनों जो सर्वे करवाया गया था। वह भी दिखावे तक सीमित रहा। अगर हरियाणा पुलिस से इनपुट न मिलता तो ये अब भी अवैध रूप से रह रहे होते। बता दें कि हरियाणा में इनके रिश्तेदार पकड़े गए थे। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को इनपुट दिया था। इसी इनपुट के आधार पर शुक्रवार को पुलिस ने आठ लोगों को पकड़ा है।
पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए बांग्लादेश छोड़कर कोलकाता आए। यहां से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ पहुंचे। करीब चार माह तक यहां रहने के बाद आगरा होते हुए अपने रिश्तेदार के साथ ग्वालियर पहुंचे। आगरा में इनका सरगना रहता है। जिसके बारे में पुलिस को बताया है। पकड़े गए बांग्लादेशी मोहम्मद शरीफ की बेटी अदोरी और चुमकी के बेटे उज्जवल का जन्म ग्वालियर में ही हुआ था। यहां फर्जी दस्तावेज बनवा लिए थे।