नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के चंबल में करीब 15 साल की शांति के बाद फिर से डकैत की सक्रियता ने पुलिस को सतर्क और कई गांवों के लोगों को दहशत में डाल दिया है। अबकी 25 हजार रुपये का इनामी डकैत योगेंद्र उर्फ योगी गुर्जर ने ग्वालियर और मुरैना जिलों के जंगल को अशांत किया है। उसने अपनी गैंग के साथ गत आठ अक्टूबर को ग्वालियर के तिघरा स्थित गुर्जा गांव में अंधाधुंध फायरिंग करके नौ माह की गर्भवती अंजू गुर्जर का अपहरण कर लिया।
हालांकि 24 घंटे बाद ही पुलिस की घेराबंदी पर डकैत अंजू को तो छोड़कर भाग गए, लेकिन अब इस डकैत ने छुड़ाने के विरोध में मंजू के परिवार वालों को उनके गांव को भंवरपुरा बनाने की धमकी दी है। इसके बाद हरकत में आए पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को छह थानों से करीब 200 जवानों को बुलाकर सालों बाद जंगल में एंटी डकैत मूवमेंट शुरू किया। ग्वालियर और मुरैना के सीमावर्ती जंगल में सुबह छह बजे से सात घंटे तक सर्च आपरेशन चलाया गया। 20 किलोमीटर तक पुलिस जंगल में घूमी। डकैतों की सक्रियता और पुलिस की मौजूदगी से कई गांव में हलचल है।
बता दें कि ग्वालियर जिले के भंवरपुरा गांव में वर्ष 2007 में सामूहिक नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था। डकैतों की गड़रिया गैंग ने इस गांव में 12 लोगों के हाथ पीछे से बांधने के बाद उन सबको गोलियों से भून दिया था। इसके बाद पुलिस की सख्ती का ही असर था कि पिछले 15 वर्ष में डकैतों द्वारा कोई घटना सामने नहीं आई थी।
पुलिस के अनुसार, डकैत योगेंद्र उर्फ योगी पर पूर्व से ही 15 से अधिक मामले दर्ज हैं। कई मामलों में कोर्ट में पेश न होने की वजह से उस पर 25 हजार का ईनाम घोषित है। वहीं, डकैत की तलाश में तिघरा थाना प्रभारी शिवकुमार शर्मा ने टीम नहीं भेजी और थाने के स्टाफ के साथ दीपावली की खरीदारी करने बाजार पहुंच गए। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने थाना प्रभारी शिवकुमार को लाइन हाजिर कर दिया।
डकैत के चंगुल से छूटने के बाद अंजू गुर्जर ने ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है। अस्पताल से उनकी छुट्टी भी हो चुकी है लेकिन अंजू के ससुराल वाले दहशत में अपने गांव नहीं जा रहे हैं। ससुर ब्रजलाल का कहना है- डकैत द्वारा चरवाहों के जरिये उन तक धमकी पहुंचाई गई है कि दीपावली तक उनके गांव गुर्जा को भंवरपुरा बना डालेंगे। उन्हें गांव वापस जाने में डर लग रहा है।
ग्वालियर और मुरैना के जंगलों के बीच डकैत योगेंद्र उर्फ योगी गुर्जर के कई ठिकाने हैं। लंका पहाड़ के पीछे झोपड़े तक पुलिस पहुंच गई। यहां उसके रुकने की जानकारी पुलिस को ग्रामीणों ने दी। यहां से कुछ सामान भी मिला है। अलग-अलग गांव में जाकर पुलिस ने ग्रामीणों से संवाद किया। एसएसपी ने ग्रामीणों से कहा कि डकैतों की गोपनीय सूचना दें, नाम गोपनीय रखा जाएगा। हालांकि पुलिस को पता लगा है कि डकैत के कई मददगार आसपास के गांव में है। यह उसके सजातीय ही हैं।