
अमित मिश्रा, नईदुनिया, ग्वालियर। बच्चों में घर छोड़कर भागने की प्रवृत्ति बढ़ी है। खासकर संभ्रांत वर्ग के बालकों में। वजह यह कि बच्चे छोटी-छोटी बातों पर रोक-टोक सहन नहीं कर पा रहे। कोई मोबाइल चलाने से रोकने पर घर छोड़कर चला गया तो किसी को पढ़ाई करने के लिए माता-पिता ने डांटा, इसलिए घर छोड़ दिया। बच्चों के इस बदलते व्यवहार को लेकर इन बच्चों को खोजने वाले पुलिस अफसर भी हैरान हैं।
यह राजफाश तब हुआ, जब बच्चों को खोजने के लिए एक माह का विशेष अभियान ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया। इसमें जिन बच्चों को बरामद किया या जिन बच्चों को पुलिस ने खोजा, उनकी काउंसलिंग की गई। मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे अटेंशन डेफिसिट हाईपर एक्टिविटी डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण उनकी बर्दाश्त करने की क्षमता बिलकुल कम हो रही है। संभ्रांत वर्ग के बच्चों में यह सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है।
10 वर्षीय प्रिंस (बदला हुआ नाम) स्कूल का छात्र है। 18 नवंबर को छात्र की शिकायत स्कूल से घर तक पहुंची। वह पढ़ाई नहीं करता। पिता ने डांटा तो घर छोड़कर चला गया। पूरा सिस्टम अपहरण की खबर से चकरघिन्नी हो गया। तीन घंटे में पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला। बात की तो उसने कहा- डांट से नाराज था।
सिटी सेंटर क्षेत्र में रहने वाला किशोर माता-पिता के नाम सुसाइड नोट लिखकर गायब हो गया। पुलिस ने दो दिन में उसे ढूंढा तो बोला- मम्मी पापा ने मोबाइल चलाने से रोका था, इसलिए उनके साथ नहीं रहना।
बच्चों में हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर की समस्या बढ़ रही है। जिसका सीधा अर्थ है- अत्यधिक चंचलता। जिसके कारण बच्चों में बर्दाश्त करने की क्षमता कम होती जा रही है। ओपीडी में भी ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जो छोटी-छोटी बातों पर अत्यधिक गुस्सा होते हैं। इस व्यवहार का सिर्फ एक कारण नहीं है। इसके कई कारण हैं, जिसके कारण यह समस्या बच्चों में बढ़ी है।
मनोरोग विभाग की एचओडी डॉ.प्रियंका शर्मा कहती हैं कि अब कंट्रोल शब्द हटाकर स्मार्ट पैरेंटिंग पर फोकस करना होगा। कैसे बच्चों को बेहतर तालमेल के साथ अच्छे-बुरे के लिए समझाया जा सकता है। कम से कम एक बार उनके साथ खाना जरूर खाएं, बच्चों के सामने खुद मोबाइल इस्तेमाल न करें, बच्चों के सामने घर में झगड़ा न करें, क्योंकि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा करते हैं। बच्चे मोबाइल मांगते हैं तो कई एप हैं, जिनसे यह पता लगा सकते हैं- वह इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं।
गुस्से में घर छोड़कर भागने की प्रव़त्ति बढ़ी है। काउंसलिंग में कई ऐसे मामले सामने आए हैं। - धर्मवीर सिंह, एसएसपी।