नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: नगरीय निकायों में अब तीन माह के बजाय हर महीने उपभोक्ताओं को जलकर के बिल जारी किए जाएंगे। ये व्यवस्था गत अप्रैल माह से लागू होनी थी, लेकिन ग्वालियर नगर निगम में इसे सितंबर से लागू किया जा रहा है। इसमें भी बड़ी गड़बड़ी निकलकर सामने आई है।
पुरानी व्यवस्था में उपभोक्ताओं को हर तीन माह में 450 रुपये का बिल जारी किया जाता था। लेकिन इस बार सितंबर माह में जो बिल जारी किए गए हैं उनमें जुलाई व अगस्त का बिल 300 रुपये पर लेट फीस के रूप में 30 रुपये जोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा सितंबर माह को अलग कर 150 रुपये की राशि के मांग पत्र दिए गए हैं। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं को तीन माह के 450 रुपये जमा करने पड़ते थे, उनसे अब 480 रुपये की राशि मांगी जा रही है।
वहीं, हर माह बिल जारी करने की नई व्यवस्था लागू होने की जानकारी भी पहले से उपभोक्ताओं को नहीं दी गई है। नगर निगम के अंतर्गत 1.70 लाख से अधिक नल कनेक्शन हैं। ऐसे में इन उपभोक्ताओं पर अब सीधे 51 लाख रुपये का बोझ डाल दिया गया है। कायदे से PHE के अधिकारियों को समय से उपभोक्ताओं को सूचना देनी थी कि उन्हें हर माह पानी के बिल जमा करने हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। चूंकि ज्यादातर उपभोक्ताओं को पानी के तिमाही बिलों की ही जानकारी है और यही उनके रुटीन में शामिल है।
PHE के अधिकारी पेनल्टी की राशि माफ करने के लिए भी तैयार नहीं हो रहे हैं। अधिकारियों का तर्क-जून तक नहीं लगाई थी पेनल्टी इस मामले में पीएचई के अधिकारियों का तर्क है कि यह आदेश तो अप्रैल में ही लागू हो गया था। लेकिन उपभोक्ताओं के बीच धीरे-धीरे आदत डालने के लिए पेनल्टी नहीं लगाई जा रही थी। जून तक भी उपभोक्ताओं पर कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई। जिन लोगों ने तीन माह का 450 रुपये का बिल अदा किया, उनसे वही राशि ली गई लेकिन अब लोगों को पेनल्टी देनी पड़ेगी।
उधर उपभोक्ता भी इसी बात से चकित हैं, उन्हें सितंबर माह में ही SMS के माध्यम से पेनल्टी और मासिक बिल की जानकारी मिली है। पार्षदों तक को सूचना नहीं, ग्रुपों में डाला आदेश भले ही पीएचई के अधिकारी इस बात पर अड़े हैं कि अप्रैल माह से ही नियमित बिल की व्यवस्था लागू की गई है।
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लेकिन असल में इसकी जानकारी पार्षदों तक को नहीं है, उन्हें भी सितंबर माह में ही पता चला। कई पार्षदों ने सोमवार को कार्यपालन यंत्री जलप्रदाय विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश को ग्रुपों में डाला, ताकि उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी मिल सके।