
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। रिटायर्ड होमगार्ड सैनिक रामस्वरूप राठौर की हत्या उसकी नाबालिग नातिन ने ही की थी। अपने प्रेमी को फंसाने के लिए उसने उसका नाम लिया, लेकिन फिलहाल पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और बयानों के आधार पर उसे क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में नया मोड़ सामने आया है, अब नातिन ने अपने दादा के चरित्र पर अंगुली उठाई है। हालांकि पुलिस ने इसे लेकर चुप्पी साध ली है।
माधोगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुढ़ा-गुढ़ी का नाका स्थित कृष्णा काॅलोनी में रहने वाले होमगार्ड सैनिक रामस्वरूप राठौर की हत्या कर दी गई थी। उनकी लाश घर के अंदर संदूक में मिली थी। उनकी नाबालिग नातिन ने हत्या करना स्वीकार किया था, फिर उसने अपने प्रेमी चंद्रभान राठौर का नाम बताया। चंद्रभान के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया, लेकिन पुलिस ने जब तकनीकी साक्ष्य खंगाले तो चंद्रभान की भूमिका इसमें सामने नहीं आई। पुलिस ने जब नातिन से पूछताछ की तब उसने बताया कि चंद्रभान से वह बात करती थी, लेकिन दादा इसमें रोड़ा थे। इसलिए उन्हें मार डाला। उसने अपने दादा के चरित्र पर भी अंगुली उठाई है। इसे लेकर पुलिस तफ्तीश कर रही है।
15 गोलियां सूजी के हलवे में मिलाई, फिर धक्का देकर संदूक में गिराया और गला घोंट दिया
इस पूरे हत्याकांड का ताना-बाना नातिन ने ही बुना था। वह मेडिकल स्टोर से नींद की 15 गोलियां खरीदकर लाई। यह सारी गोलियां उसने सूजी के हलवे में मिला दी। यह हलवा खाने के बाद रामस्वरूप की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। वह लड़खड़ाने लगे। तभी नातिन ने दादा को पकड़ा और उनका हाथ कंधे पर रखवाया। उन्हें सहारा देकर संदूक तक ले गई। संदूक पहले से खुला हुआ था। संदूक के अंदर धक्का देकर गिरा दिया। वह बेहोश हो गया। फिर उसका गला घोंटकर मार डाला। रजाई ओढ़ा दी और संदूक बंद कर दिया।