नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। पढ़े-लिखों के लिए ही नहीं निरक्षरों के लिए भी साइबर फ्राड बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि सरकार अब अक्षर ज्ञान के साथ साथ डिजिटल साक्षर की भी विशेष ट्रेनिंग दिला रही है। नवसाक्षरों को वित्तीय साक्षरता से भी परिचित कराया जा रहा है जिससे यह बुनियादी सुविधाओं को लेकर परेशान न हों। साइबर फ्राड में ठगी का शिकार होने से बचें, इसी कारण मोबाइल से लेकर ओटीपी व खाते से जुड़ी जानकारियों को लेकर शिक्षकों द्वारा जागरूक किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रदेश में लाड़ली बहनों को आर्थिक संबल देने वाली मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत हर माह मिलने वाली राशि कहीं निरक्षर महिलाओं के पति तो गायब नहीं कर रहे, इसी कारण ऐसी महिलाओं को मोबाइल में आने वाले मैसेज से लेकर बैंक जाकर खाते की जानकारी लेने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा बस-ट्रेन के टिकट, बुनियादी सुविधाओं को लेकर परेशान न हों, इसको लेकर भी साक्षर बनाया जा रहा है। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत ग्वालियर में अभी तक 60 हजार निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया जा चुका है जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं भी हैं।
जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी अनुपमा जैन ने बताया कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत ग्वालियर में शासन की ओर से 3.34 लाख लोगों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है जिसमें 60 हजार लोगों को साक्षर बनाया जा चुका है। इसको लेकर राज्य शिक्षा केंद्र की मदद से स्कूलों के शिक्षकों व वॉलंटियर के रूप में अक्षर साथी सर्वे कर इन्हें साक्षर बनाने के लिए पढ़ाते हैं। स्कूलों में शनिवार व रविवार को क्लासेस लगाई जाती हैं और पहली प्राथमिकता पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक होते हैं जो निरक्षर होते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अध्याय 21 में प्रौढ़ शिक्षा और जीवन पर्यंत सीखना को सभी के लिए बताया गया है। जून माह में ग्वालियर प्रदेश में पहले स्थान पर भी रहा।
निरक्षर महिलाएं जो लाड़ली बहना योजना में भी शामिल हैं, सर्वे के दौरान टीम को पता चल रहा है कि इनकी हर माह आने वाली राशि पति निकाल लेते हैं। ऐसे पति जो खुद कामकाज नहीं करते हैं और बैंक से लेकर तकनीकी बहाना बनाकर पत्नियों को झूठ बोल देते हैं कि इस माह राशि नहीं आई। इस राशि को खुद चुपचाप खर्च कर लेते हैं। ऐसी महिलाओं को मोबाइल से लेकर बैंक खाते व सभी जरूरी जानकारियों को बताया जा रहा है जिससे पति धोखा न दे सकें।
यह सिखाना जरूरी
बुनियादी साक्षरता
बुनियादी संख्यात्मकता
डिजिटल साक्षरता
वित्तीय साक्षरता
बच्चों की देखभाल
स्वच्छता की जानकारी
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ग्वालियर में कितना लक्ष्य- 3.34 लाख 913
साक्षरता कार्यक्रम कब से कब तक- 2022 से 2027 तक
साल में कितनी बार परीक्षा- दो बार
अब परीक्षा कब- 20 सितंबर
NILP ऐप पर कितने रजिस्ट्रेशन- 41 हजार 900 अभी तक
कितने साक्षर- 60 हजार
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान के तहत जिले में सर्वे व साक्षर बनाए जाने का अभियान चल रहा है, डिजिटल साक्षरता व वित्तीय साक्षरता को भी जोड़ा गया है जो कि आज के समय में अहम हैं। शिक्षकों व अक्षर साथी मदद से साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।