वक्री अवस्था में देवगुरु बृहस्पति आज करेंगे मिथुन राशि में गोचर, 3 राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
गुरु ग्रह मिथुन राशि में 11 मार्च को वक्री अवस्था में रहेंगे, फिर मार्गी होकर वापस कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को धन, सुख-समृद्धि, विवाह, बुद्धि और विस्तार का कारक ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को गुरु का दर्जा प्राप्त है। गुरु, धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं।
Publish Date: Thu, 04 Dec 2025 07:08:13 PM (IST)
Updated Date: Thu, 04 Dec 2025 08:34:59 PM (IST)
वक्री अवस्था में देवगुरु बृहस्पति आज करेंगे मिथुन राशि में गोचरHighLights
- मिथुन राशि में गुरु और चंद्रमा की युति
- गजकेसरी राजयोग 54 घंटे के लिए बनेगा
- कन्या, मीन व वृश्चिक राशि के लिए फल
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। देवगुरु बृहस्पति पांच दिसंबर को वक्री अवस्था में कर्क से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। देवगुरु दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मिथुन राशि में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग 54 घंटे के लिए बनेगा। बृहस्पति का राशि परिवर्तन कन्या, मीन और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए फलदायी साबित होंगे।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि गुरु ग्रह आज वक्री अवस्था में होने के कारण कर्क से मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे है। गुरु ग्रह मिथुन राशि में 11 मार्च को वक्री अवस्था में रहेंगे, फिर मार्गी होकर वापस कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को धन, सुख-समृद्धि, विवाह, बुद्धि और विस्तार का कारक ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को गुरु का दर्जा प्राप्त है। गुरु, धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं।
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गुरु बृहस्पति के गोचर से बनेगा गजकेसरी योग
- वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों में से गुरु बृहस्पति को अत्यंत शुभ और विशेष स्थान प्राप्त है। सामान्यतः गुरु वर्ष में केवल एक बार राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन इस वर्ष वह अतिचारी गति से चल रहे हैं।
- इसी कारण वे इस साल मिथुन के साथ-साथ कुछ समय के लिए कर्क राशि में भी रहें। वैदिक ज्योतिष के अवस्था में तीन बजकर 38 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और उसी दिन रात 10.15 बजे चंद्रमा भी मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
- इसके परिणाम स्वरूप मिथुन राशि में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा। यह योग लगभग 54 घंटे तक सक्रिय रहेगा।
- मिथुन राशि में बनने वाला यह गजकेसरी योग सभी 12 राशियों पर प्रभाव डालेगा, लेकिन तीन विशेष राशियों के जातकों को इसका असाधारण लाभ मिलने की संभावना है।
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इन राशियों के लिए फलदायी साबित होगा
- कन्या राशि: इस राशि के जातकों के लिए गुरु-चंद्र की युति से बन रहा गजकेसरी राजयोग अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस राशि में यह योग दशम भाव में बनने जा रहा है, जिसके प्रभाव से करियर और व्यवसाय से जुड़ी कई नई सफलताएं मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और किए गए प्रयासों का परिणाम भी मनचाहा मिलेगा।
मीन राशि: देवगुरु बृहस्पति मीन राशि के लिए प्रबल योगकारक ग्रह बनते हैं। इस राशि में गुरु वक्री होकर चौथे भाव में रहेंगे। ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग कई मायनों में खास हो सकता है। ऐसे में इस राशि के जातकों को कई क्षेत्रों में सफलता हासिल हो सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे फल मिल सकते हैं। जो छात्र गहराई से अध्ययन और शोध करने में सफल हो सकते हैं।
वृश्चिक राशि: इस राशि की कुंडली में गुरु और चंद्रमा अष्टम भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग कई मायनों में खास हो सकता है। ऐसे में इस राशि के जातकों को किस्मत का साथ मिल सकता है। सीखने-समझने की क्षमता मजबूत होगी। इसके साथ ही विदेश यात्रा के भी मौके मिल सकते हैं। विदेश में नौकरी तलाश रहे जातकों को भी अच्छी खबर मिल सकती है।