
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: मुरैना के सबलगढ़ में महिला से बदसलूकी के मामले में निलंबित हुए एसडीएम अरविंद सिंह माहौर अब साइबर ठगी का शिकार हो गए। शातिर ठग ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय का कर्मचारी बनकर फोन किया। विभागीय जांच में सजा कम कराने का झांसा देकर 2.95 लाख रुपए ठग लिए।
निलंबित अधिकारी ने 19 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच करीब आठ बार पे-वॉलेट के जरिये अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर किए। एक लाख रुपए की मांग और की, तब एसडीएम को संदेह हुआ। पहले उन्होंने अपने स्तर पर पड़ताल की, तब सामने आया कि ठग ने जो नाम अपना बताया है, उस नाम का कोई कर्मचारी ही मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं है।
इसके बाद साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया। साइबर हेल्पलाइन पर की गई शिकायत एक लाख रुपए से अधिक की ठगी की थी, इसलिए यह स्वत: ई-एफआइआर में परिवर्तित हो गई। अब पुलिस ने पड़ताल शुरू की है। ग्वालियर के थाटीपुर थाने में ई-एफआईआर दर्ज हुई है।
अरविंद सिंह माहौर ग्वालियर के थाटीपुर स्थित न्यू अशोक कालोनी में रहते हैं। जब महिला से बदसलूकी का मामला सामने आया था, तब वह सबलगढ़ में पदस्थ थे। महिला और उसकी बेटी से कहा था- तुम्हारे अंदर बहुत गर्मी है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। तब उन्हें निलंबित कर दिया गया था। पुलिस मोबाइल नंबर और पे-वालेट के आधार पर पड़ताल में जुटी है।
इस मामले में दो अधिकारियों को शातिर ठग ने झांसा दिया। पहले ठग ने एसडीएम को कॉल किया लेकिन एसडीएम ने कॉल नहीं उठाया। इसके बाद ठग ने जिला के कलेक्टर को फोन किया और उसने कहा कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय से अश्विनी बात कर रहा है। एसडीएम से बात करनी है।
कलेक्टर भी झांसे में आ गए।उन्हें भी लगा कि यह काल वहीं से है। उन्होंने एसडीएम को बात करने के लिए कहा। एसडीएम ने फोन पर बात की, इसके बाद उनसे कहा कि वह उनकी मदद कर सकता है। विभागीय जांच में सजा कम करा सकता है। इसके लिए कुछ सहयोग राशि देनी होगी। एसडीएम मान गए और रुपए भेज दिए।
मैं थाटीपुर के न्यू अशोक कालोनी में सेक्टर-डी में रहता हूं। 19 सितंबर को रात करीब 8.17 बजे मेरे मोबइल पर 7891075595 से कॉल आया। मोबाइल नंबर अंजान था। मैंने इसलिए कॉल रिसीव नहीं किया। जिसने मुझे कॉल किया था, उसने मेरे कलेक्टर को भी फोन कर दिया। उसने कलेक्टर से कहा कि वह सीएम पोर्टल कार्यालय से बोल रहा है, डिप्टी कलेक्टर फोन नहीं उठा रहे हैं।
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कलेक्टर का कॉल मेरे पास आया। इसके बाद फिर उसी नंबर से कॉल आया। उसने कलेक्टर को कॉल किया था, इसलिए मैंने काल उठा लिया। ट्रू कालर पर नंबर अश्विनी के नाम से आ रहा था। उसने बताया कि वह सीएम आफिस में है, विभागीय जांच में सजा कम करवा देगा। इसके लिए राशि जमा कराने की बात कही।
उसने सीएम ऑफिस का कर्मचारी होने का भरोसा दिलाकर अलग-अलग बार में करीब 2.95 लाख रुपए ले लिए। उसने और रुपए की मांग की। मैंने पे-वालेट के जरिये रुपए ट्रांसफर किए थे। उसने और रुपए मांगे, तब मुझे पता लगा। इसके बाद पता किया तो इस नाम का कोई कर्मचारी नहीं था। फिर साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की।
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एसडीएम अरविंर सिंह माहौर एसडीएम सबलगढ़ के पद पर पदस्थ थे। महिलाओं से बदसलूकी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हुआ था। इसके बाद 19 सितंबर को इन्हें निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद अपने एक्स हैंडल से इन पर निलंबन की कार्रवाई की जानकारी साझा की थी।
19 सितंबर को निलंबन हुआ, उसी दिन रात 8.17 बजे इन पर ठग का पहला कॉल पहुंचा। इसके बाद कलेक्टर के पास कॉल पहुंचा। जिस दिन निलंबन हुआ, उसी दिन फोन पहुंचने से कलेक्टर को भी लगा कि यह कॉल सीएम ऑफिस से ही है। दोनों ही अधिकारी झांसे में आ गए। एसडीएम इसके बाद रुपए ट्रांसफर करते गए।