नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। खाद बीज की दुकान चलाने वाले युवक की पत्नी को गुरुवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद केआरएच में लेकर पहुंचे तो डाक्टरों ने शाम तक भर्ती नहीं किया। इसके बाद शाम को जब इलाज शुरू हुआ तो बच्चा आधा ही बाहर आया और कुछ देर बाद उसकी जान चली गई।
डॉक्टरों के अनुसार धड़कन पहले से ही नहीं आ रही थी। पति का आरोप है कि सुबह से दोपहर तक डॉक्टर पार्टियों में व्यस्त रहे, यह बताया गया और केस को गंभीरता से सुना नहीं गया। शाम को जैसे तैसे इलाज शुरू हुआ तो डाक्टरों की लापरवाही से बच्चा आधा लटक गया और फिर जान चली गई। पति ने अन्य सदस्यों के साथ केआरएच के बाहर ही धरना शुरू कर दिया। देर रात तक पति व सदस्य वहीं बैठे रहे।
धर्मेंद्र सेंगर निवासी कर्मचारी आवास कालोनी ने बताया कि पत्नी सोन दुर्गा उम्र 30 साल की डिलीवरी के लिए सुबह केआरएच अस्पताल ले गए थे। पत्नी की हालत ठीक नहीं थी इसलिए डॉक्टरों से जल्द इलाज को कहा गया लेकिन डॉक्टरों ने पार्टी में व्यस्त होना बताया। किसी सीनियर व जूनियर डॉक्टर ने पत्नी को अटेंड नहीं किया इस तरह काफी घंटे निकलने के बाद जब इलाज शुरू किया तो उसमें भी लापरवाही की गई।
धर्मेंद्र ने बताया कि वे केआरएच के बाहर वे धरने पर बैठ गए तो डॉक्टरों की ओर से कुछ सिविल लोगों को उन्हें भगाने को भेजा गया। इसके बाद पुलिस भी आई लेकिन पुलिस उल्टा उन्हें ही जाने के लिए कहने लगी।