
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बगैर अपराध एक इंजीनियर को 30 घंटे तक थाने में हथकड़ी लगाकर बैठाना अब चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को भारी पड़ता दिख रहा है। गुरुवार को टीआई हाई कोर्ट में हाजिर तो हुए लेकिन अपने साथ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज लेकर नहीं पहुंचे। याचिकाकर्ता द्वारा सौंपी तस्वीरों के आधार पर कोर्ट ने माना कि पटेल का कृत्य एक नागरिक के जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
कोर्ट ने इसे गंभीर कृत्य मानते हुए पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि वे बताएं कि उनकी ओर से पटेल के खिलाफ क्या विभागीय और आपराधिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है? कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी और पूछे प्रश्न से साफ हो गया है कि अब थाना प्रभारी पर प्रस्तावित कार्रवाई की जानकारी पुलिस कमिश्नर को हाई कोर्ट में सौंपना होगी। 12 नवंबर को चंदन नगर थाना पुलिस ने एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में संजय दुबे नामक व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
रिपोर्ट दर्ज होने के 14 दिन बाद भी जब पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई तो 26 नवंबर को पुलिस ने उसके इंजीनियर बेटे राजा को एक सैलून से उठा लिया, जबकि राजा का इस प्रकरण से कोई लेना-देना ही नहीं था। बगैर किसी अपराध के राजा को पुलिस द्वारा पकड़े जाने की बात सामने आने के बाद उसके साले आकाश तिवारी ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।
इसमें आरोप लगाया कि राजा बेकसूर है, उसके खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं है बावजूद इसके उसे हथकड़ी लगाकर पुलिस थाने में रखा गया है। प्रकरण की सुनवाई 28 नवंबर को नियत थी। इसकी जानकारी मिलने पर 27 नवंबर की रात करीब 11:30 बजे पुलिस ने राजा को छोड़ दिया।
दो दिसंबर को सुनवाई के दौरान मामले की जांच कर रही एसआई कोर्ट में उपस्थित हुई थीं। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन वे अवकाश पर थीं। इस पर कोर्ट ने थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को 26 और 27 नवंबर के 30 घंटे के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के साथ कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था।
गुरुवार को थाना प्रभारी पटेल कोर्ट में उपस्थित तो हुए लेकिन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पेश नहीं किए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से वे पैन ड्राइव में फुटेज नहीं ला सके। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि याचिकाकर्ता ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए है, वह सचाई बताने के लिए पर्याप्त है। पुलिस कमिश्नर से कहा है कि वे बताएं कि उन्होंने पटेल के खिलाफ क्या विभागीय और आपराधिक कार्रवाई प्रस्तावित की है। मामले में अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी।