
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: वर्ष 2025 इंदौर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिहाज से ऐतिहासिक रहा। इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) ने इस वर्ष फ्लाईओवर, सड़क और सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाएं पूरी कर शहर की यातायात व्यवस्था को नई गति दी है। विभिन्न योजनाओं में मास्टर प्लान की 87 किमी लंबी सड़के बनाई गई।
वहीं शहर के प्रमुख चार चौराहों पर फ्लाईओवर बनाकर यातायात शुरू करने से सिग्नल फ्री सफर से आमजन की राह आसान को चुकी है। यह सड़के और फ्लाईओवर इंदौर के विाकस की रफ्तार बन चुकी है। आइडीए की सबसे प्रमुख उपलब्धि फूटी कोठी चौराहा पर बने 610 मीटर लंबे संत सेवालाल महाराज फ्लाईओवर का निर्माण रहा।
24 मीटर चौड़े इस फ्लायओवर से प्रतिदिन लगभग दो लाख वाहन गुजर रहे हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आई है। इसके अलावा भंवरकुआं फ्लायओवर (625 मीटर), खजराना क्षेत्र में श्री गणेश सेतु (500 मीटर) और लव-कुश फ्लायओवर (675 मीटर) भी यातायात के लिए शुरू किए गए। इन फ्लायओवरों के चालू होने से शहर के व्यस्ततम चौराहों पर ट्रैफिक सुगम हुआ है।
आइडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी परिक्षित झाड़े का कहना है कि
सभी फ्लायओवर आधुनिक तकनीक से निर्मित हैं। इनके स्पान में 45 से 65 मीटर तक के लंबे स्टील गर्डर, सीमेंट के सेगमेंट और सीस्मिक जोन-3 के अनुरूप भूकंपरोधी डिजाइन अपनाया गया है। साथ ही वर्ष 2025 में प्राधिकरण ने विभिन्न योजनाओं में 87 किलोमीटर लंबी मास्टर प्लान सड़कों का विकास भी किया। यह सड़के आने वाले समय में शहर की यातायात समस्या का समाधान करेगी।
सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने की दिशा में एमआर-10 पर कुमेडी में अंतरराज्य बस टर्मिनल (आइएसबीटी) का निर्माण किया गया है। 5.82 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह टर्मिनल 100.60 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। इसे प्रदेश के सबसे आधुनिक बस टर्मिनलों में शामिल किया जा रहा है।
विभिन्न निर्माण कार्यों के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया गया। आइडीए द्वारा 2,000 पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया, जबकि 1,400 से अधिक नए पौधे लगाए गए।
यह भी पढ़ें- Indore Politics in 2025: बाजार में लगे गोड़से जिंदाबाद के नारे, अध्यक्ष की नेमप्लेट पर पोती कालिख, Viral हुआ Audio
आइडीए की विभिन्न योजनाओं में नामांतरण, रजिस्ट्री, लीज नवीनीकरण, भूस्वामी अधिकार संबंधी प्रकरणों का निराकरण माहवार अभियान चलाकर किया गया। साल 2025 में 44225 आवेदन विभिन्न प्रकरणों के सामने आए। सभी में समय सीमा तय कर 43020 आवेदनों का निराकरण कराया गया। इससे प्राधिकरण को करीब 20 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। शेष प्रकरणों का निराकरण अभियान के रूप में किया जा रहा है।