Crime File Indore: स्पेशल डीजीपी की एंट्री से घबराहट
Crime File Indore: डीजीपी ने अफसरों को स्पष्ट कर दिया कि भूमाफिया के विरुद्ध दर्ज इन प्रकरणों में खूब गड़बड़ी हुई है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 29 Jan 2024 01:30:51 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Jan 2024 01:30:51 PM (IST)
स्पेशल डीजीपी की एंट्री से घबराहट Crime File Indore क्राइम फाइल, मुकेश मंगल
स्पेशल डीजीपी शैलेश सिंह की एंट्री से अफसर सकते में हैं। 1987 बैच के आइपीएस शैलेश सिंह के पास कोआपरेटिव फ्राड से संबंधित जिम्मेदारी है। अभी तक यह काम सीबीआइ में रह चुके आरके मिश्रा देखते थे। पिछले दिनों शैलेश सिंह अचानक
इंदौर आए और सीधे क्राइम ब्रांच जा पहुंचे। सिंह ने डीसीपी (प्रभारी) आदित्य मिश्रा, एडीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया से उन प्रकरणों की जानकारी ली जो सहकारिता से संबंधित थे। डीजीपी स्वयं भी 23 मामलों का ब्योरा लेकर आए थे। इनमें 17 शहर और छह ग्रामीण क्षेत्र के प्रकरण थे। डीजीपी ने अफसरों को स्पष्ट कर दिया कि भूमाफिया के विरुद्ध दर्ज इन प्रकरणों में खूब गड़बड़ी हुई है। पुलिस ने छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़ा और बड़ों को छूट दे दी। कुछेक मामलों में तो धारा 173(8) के अंतर्गत पूरक चालान पेश किया और घपला दबा दिया। इस बार तो डीजीपी चेतावनी दे गए लेकिन अगले दौरे में केस डायरियां बुलवाई हैं।
धरी रह गई वर्दी और चमचमाते जूते
इस
गणतंत्र दिवस पर पुलिसवालों के साथ चोट हो गई। चमचमाते हुए जूते और प्रेसबंद वर्दी यूं ही धरी रह गई। कई की तो रात करवटें बदलते हुए कटी। दरअसल पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने 26 जनवरी पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए 68 पुलिसकर्मी-अधिकारियों का चयन किया था। जैसे ही सूची बहुप्रसारित हुई इनाम पाने वाले पुलिसकर्मी मरीमाता चौराहा स्थित दुकान पर वर्दी और जूते खरीदने जा पहुंचे। लाइन में लगकर सामान खरीदा गया। जैसे ही घर पहुंचे आयुक्त कार्यालय से नई सूची जारी कर दी गई जिसमें सिर्फ 17 लोगों के नाम थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा था कि सभी विभागों को पुरस्कृत करना है। अतिथि इतने लोगों को सम्मानित नहीं कर पाएंगे। जैसे ही नई सूची जारी हुई विभाग में सन्नाटा पसर गया। सब एक दूसरे को काल कर पुष्टि करने लगे। किसी ने कहा अभी सुधार की गुंजाइश है। इसी उम्मीद में रातभर करवटें बदलते रहे।
थाने और डीसीपी कार्यालयों पर चलेगा बुलडोजर
इंदौर पुलिस की पहचान पुलिस कंट्रोल रूम (रानी सराय) ढह जाएगा। मेट्रो लाइन के लिए इस धरोहर को तोड़ा जाना है। विभाग नई जगह को लेकर परेशान है। मेट्रो के लिए जिन बिल्डिंगों को तोड़ा जाना है उसमें रानी सराय स्थित पुलिस कंट्रोल रूम, अजाक, छोटी ग्वालटोली, विजयनगर और मल्हारगंज थाने की बिल्डिंग हैं। कंट्रोल रूम पर जोन-1, जोन-3 और अपराध शाखा के डीसीपी और जोन-3 व अपराध शाखा के एडीसीपी के दफ्तर हैं। गोपनीय शाखाएं भी इसी बिल्डिंग से संचालित होती हैं। डीसीपी की दोनों कोर्ट भी यहां से चलती है। इतनी बड़ी बिल्डिंग मिलना संभव नहीं, जहां यह सब शिफ्ट हो सके। विजयनगर थाना तो वैसे ही पुराना हो चुका है। इसके लिए नई जगह मिल जाएगी। परेशानी मल्हारगंज थाने के लिए नए भवन की है। क्षेत्र में ऐसा कोई मकान नहीं जो मौके पर हो और थाने के लिए उपयुक्त हो।
चाहो तो लाइन भेज दो... बस क्राइम ब्रांच से हटा दो
अपराध शाखा में अजीब सी खलबली है। जिद कर पोस्टिंग करवाने वाले पुलिसकर्मी हटने पर अड़े हैं। मनमाफिक पोस्टिंग लेने वालों ने यहां तक कहा कि थाना न भी मिले तो चलेगा। चाहो तो पुलिस लाइन में भेज दो। बस क्राइम ब्रांच से हटा दो। क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल निजी कारणों से छुट्टी पर हैं। आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने जोन-1 के डीसीपी आदित्य मिश्रा को प्रभार सौंपा है। तेज तर्रार आइपीएस मिश्रा की गिनती इमानदार अफसरों में होती है। कम समय में क्राइम ब्रांच के 'अंगदों' को छांट लिया। बैठक लेकर चेताया और जमकर सजा भी दी। यही वजह है कि दर्जनों पुलिसकर्मियों ने हटने के लिए अर्जी दे दी। अर्जी में उन तीन थानों का उल्लेख किया जहां जाना चाहते हैं। साथ में लिखा कि थाना न भी मिले तो डीआरपी लाइन ही भेज देना।