Hello Naidunia: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। खान-पान को लेकर हमेशा लोगों को मिलावट की आशंका रहती है, लेकिन लोगों को यह नहीं पता होता है कि हमें इसकी शिकायत कहां करना होती है। कई लोग बाजारों में पैकेट वाली सामग्रियों को भी बिना दिनांक देखे ही खरीद लेते हैं, लेकिन हमें इसे लेकर जागरूक होने की आवश्यकता है।
कई उपभोक्ता इस डर से भी शिकायत नहीं करते हैं कि यदि दुकानदार या व्यापारी को पता चल गया तो विवाद की स्थिति भी बन सकती है। जबकि मिलावट का शक होने पर उपभोक्ता अपनी पहचान छुपाकर भी शिकायत कर सकता है। एफएसएसएआइ की फोस्कोस वेबसाइट पर उपभोक्ता आनलाइन माध्यम से इसकी शिकायत कर सकते हैं। विभाग द्वारा भी स्कूल और कालेजों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें यह बताया जा रहा है कि कैसे मिलावटी खाद्य सामग्रियों की पहचान की जा सकती है।
यह बात जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सोनी ने कही। वे मंगलवार को हेलो नईदुनिया कार्यक्रम में खाद्य सामग्री में मिलावट की पहचान, शिकायत और समाधान पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। साथ ही बताया कि मिठाई खरीद रहे हैं, तो दुकानदार से अधिकारपूर्वक कह सकते हैं कि यह मिठाई कब बनी थी। मिठाई को टेस्ट करके भी देख सकते हैं। कोई दुकानदार इसके लिए मना नहीं कर सकता है।
सवाल: हम मोटी सौंफ खाते हैं। इसमें कलर रहता है। कैसे पहचाने की सौंफ में कलर मिला है या नहीं? - भागीरथ शर्मा, इंदौर
जवाब: इसके लिए आप विभाग की फूड टेस्टिंग वैन में जांच करवा सकते हैं। वहीं इसे ऐसे भी जांच सकते हैं- जैसे हथेली पर थोड़ी सौंफ लीजिए। उसे रगड़े तो हल्का-सा कलर हाथों में रह जाएगा। इसका मतलब इसमें कलर मिला हुआ है। हींग की जांच लैब में ही होती है।
सवाल: शादियों के दौरान कैटरिंग वाले जो खाना बनाते हैं, उसकी शुद्धता की जांच कैसे की जानी चाहिए? - अनिल कुछालिया, गुमाश्ता नगर
जवाब: हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि मिठाई वे खुद बना रहे हैं या फिर बाहर से लेकर आ रहे हैं। मावे की मिठाई की पहचान करने के लिए उसमें टिंचर आयोडीन डालें, यदि उसका कलर नीला हो रहा है तो वह मिलावटी है। तेल की जांच लैबोरेटरी में होती है। यदि ऐसा कुछ लगता है तो आप क्लेम कर सकते हैं।
सवाल: हर चीज में मिलावट आने लगी है। क्या आप कभी किसी पर प्रकरण दर्ज करते हैं? - सुरेश कुमार मंगवानी, अन्नपूर्णा रोड़
जवाब: खाद्य विभाग द्वारा नमूने लेकर कार्रवाई की जाती है। नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए लैब में भेजते हैं। उसमें यदि मिलावट सामने आती है तो प्रकरण दर्ज होते हैं। इस वर्ष में अभी तक 250 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं, जिसमें सजा और जुर्माना दोनों होता है।
सवाल: एक्सपायरी दिनांक निकलने के बाद भी दुकानदार सामान देते हैं। उस पर दूसरा स्टीकर लगा देते हैं। ऐसा होता है क्या? - राजेश अग्रवाल, देवास
जवाब: किसी भी प्रोडक्ट पर ऐसे दूसरी दिनांक के स्टीकर कोई नहीं लगा सकता है। ऐसा मामला कभी हमारे सामने भी नहीं आया है। आप लोगों को इस मामले में जागरूक होना चाहिए कि जब भी हम सामान खरीदे तो उसमें एक्सपायरी दिनांक अवश्य देखें।
सवाल: दूध, दही, घी में मिलावट हमेशा देखने को मिलती है। मिलावट को हम कैसे पहचाने? - हुकुमचंद कटारिया, सनावद
जवाब: यदि हमें घी में मिलावट का पता करना है तो थोड़ा घी लीजिए, उसमें थोड़ा एसिड और शकर मिला लीजिए। यदि उसका कलर गुलाबी हो रहा है तो यह मिलावटी घी हो सकता है। मावे की जांच टिंचर आयोडीन से कर सकते हैं।