Fire in Indroe: डा. जितेंद्र व्यास, नईदुनिया, इंदौर। सात बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का ताज पहनने वाले इंदौर की ख्याति यूं तो देश-दुनिया में है लेकिन शिक्षा और स्वाद के क्षेत्र का ये सिरमौर शहर लापरवाही की लपटों के मुहाने पर खड़ा नजर आता है। जिस रफ्तार से यहां व्यावसायिक और अवासीय क्षेत्रों का निर्माण हो रहा है उतनी ही सुस्ती अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के नियमों के पालन में नजर आती है।
बीते वर्षो में कई अग्नि दुर्घटनाएं होने के बाद भी इससे बचाव के इंतजाम करने में न प्रशासनिक तंत्र कोई कारगर कदम उठा रहा है और न इन इमारतों व क्षेत्रों के जिम्मेदार अपनी भूमिका निभा रहे हैं। राजकोट के गेमिंग जोन और दिल्ली के अस्पताल में हुए हादसे ने एक बार फिर इंदौर में अग्नि दुर्घटना के इंतजामों के लिए कथित रूप से लागू की जाने वाली व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इंदौर शहर में औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा माल, मल्टीप्लेक्स, कोचिंग संस्थान, अस्पतालों और आवासीय इमारतों की संख्या 26 हजार से अधिक है। इन इमारतों में अग्निशमन के इंतजाम है या नहीं यह न प्रशासन को पता है न नगरीय निकाय को और न फायर ब्रिगेड को।
2024 के शुरुआती महीनों में हुई दुर्घटनाओं के बाद प्रशासन ने अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम नहीं करने पर भवन सील करने संबधी नोटिस जारी किए थे। समय सीमा बीतने के बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि ऐसे परिसर जहां लोगों की आवाजाही अधिक है, वहां अग्नि सुरक्षा के इंतजाम अत्यंत आवश्यक है। 29 मई से निरीक्षण शुरू किया जा रहा है। इस दौरान अग्नि सुरक्षा प्रबंध नहीं पाये जाने पर भवनों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे व्यापारिक और वाणिज्यिक भवन जिनकी ऊंचाई दस मीटर से अधिक है वहां फायर एक्सटिंग्विशर, हाज रील, डाउन राइजर, मैन्युअली फायर अलार्म सिस्टम, 10 हजार लीटर क्षमता का ओवरहेड टैंक और 450 एलपीएम के फायर पंप होना आवश्यक है। इसी तरह जिन वाणिज्यिक भवनों की ऊंचाई 10 से 15 मीटर है, वहां अन्य सभी अग्नि सुरक्षा इंतजामों के साथ 50 हजार लीटर क्षमता का अंडरग्राउंड टैंक व छत पर पांच हजार लीटर क्षमता का टैंक बनाना आवश्यक है।
15 से 30 मीटर ऊंचाई के भवनों पर अन्य फायर सुरक्षा के इंतजामों के साथ डेढ़ लाख लीटर का अंडरग्राउंड वाटर टैंक, छत पर 20 हजार लीटर क्षमता का टैंक होना आवश्यक है। जबकि मैदानी हकीकत यह है कि बीते चार-पांच वर्ष में बनी इमारतों में तो फिर भी आवश्यक इंतजाम मिलते हैं लेकिन इसके पहले बनी आवासीय और व्यवसायिक इमारतों में इसकी अनदेखी जारी है।
सरकार मध्य प्रदेश में नया फायर एक्ट लाने जा रही है। इसमें अग्नि दुर्घटनाओं से निपटने के प्रबंध होंगे। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जांच, एनओसी के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी। अधिकारियों को बैठक कर निर्देश दिए जा चुके हैं। 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्राविधान भी किया गया है जिससे उपकरण और संसाधन जुटाए जाएंगे। - कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री