नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौरियों ने सोमवार को एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि वे जो ठान लेते हैं उसे हासिल कर ही लेते हैं। पिछले दो वर्ष की तरह इस वर्ष भी 22 सितंबर को इंदौरियों ने नो कार डे मनाया। असर यह हुआ कि सामान्य दिनों के मुकाबले शहर की सड़कों पर लगभग 30 प्रतिशत कारें और अन्य बड़े वाहन कम नजर आए। सामान्य दिनों की तरह पेट्रोल पंपों पर भी वाहनों की लंबी-लंबी कतारें दिखाई नहीं दी।
नो कार डे पर पेट्रोल-डीजल की खपत में भी अच्छी खासी कमी आई। इंदौर पेट्रोल-डीजल पंप आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजिंदरसिंह वासु के मुताबिक अन्य दिनों के मुकाबले सोमवार को करीब एक लाख लीटर पेट्रोल और 80 हजार लीटर डीजल की खपत कम हुई। इसका असर शहर के पर्यावरण पर भी पड़ा। करीब 445.3 मेट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव नो कार डे पर सोमवार सुबह अपने रेडियो कालोनी स्थित निवास से साइकिल से पलासिया चौराहा पर आयोजित साइक्लोथोन रैली में शामिल होने पहुंचे। वे पलासिया चौराहा से राजवाड़ा होते हुए पुनः पलासिया तक आयोजित साइक्लोथोन में साइकिल चलाकर सम्मिलित हुए। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कुलगुरू राकेश सिंघाई आदि भी साइकिलिस्ट के रूप में शामिल हुए।
निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव सोमवार सुबह रेसीडेंसी कोठी से निरीक्षण के लिए निकले। नो कार डे होने से वे ई-बस में सवार होकर अधिकारियों के साथ ट्रेचिंग ग्राउंड, सिटी फारेस्ट बिचौली हप्सी पहुंचे। इस दौरान उनके साथ अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अभय राजनगवंकर, मनोज पाठक, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी आदि शामिल थे।
संभागायुक्त सुदाम खाड़े, कलेक्टर शिवम वर्मा भी सोमवार सुबह ई-स्कूटर से कार्यालय पहुंचे। उन्होंने नो कार डे का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से यह बहुत जरूरी है। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया पैदल हाई कोर्ट पहुंचे।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर ने लगातार तीसरे वर्ष नो कार डे मनाया है। कई लोग पूछते हैं एक दिन कार नहीं चलने से क्या होगा। मैं लोगों से पूछता हूं कि एक दिन कार नहीं चलाएंगे तो क्या होगा। नो कार डे मनाकर इंदौर ने एक दिन में करीब पौने दो लाख लीटर ईंधन बचाया है। इससे 445 मेट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। ये आंकडे बताते हैं कि एक दिन कार नहीं चलाकर हम शहर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए कितना योगदान दे सकते हैं।
20 प्रतिशत कम कारें सड़क पर उतरी थीं
80 हजार लीटर ईंधन की बचत हुई थी
18 प्रतिशत सुधार हुआ था वायु गुणवत्ता सूचकांक में
25 प्रतिशत कारें कम निकली सामान्य दिनों के मुकाबले
80 हजार लीटर पेट्रोल की कम खपत हुई सामान्य दिनों के मुकाबले
75 हजार लीटर डीजल कम बिका अन्य दिनों के मुकाबले
30 प्रतिशत कारें कम निकली सामान्य दिनों के मुकाबले
एक लाख लीटर पेट्रोल की कम खपत हुई सामान्य दिनों के मुकाबले
80 हजार लीटर डीजल कम बिका अन्य दिनों के मुकाबले
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प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व विज्ञानी दिलीप वाघेला के मुताबिक सोमवार को पेट्रोल की खपत कम होने से शहर में 2,31,000 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम हुआ। इसी तरह डीजल खपत कम होने से शहर में 2,14,400 किलोग्राम डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम हुआ। इस तरह नो कार डे पर शहर में एक ही दिन में 4,45,400 किलोग्राम यानी 445.4 मेट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन वायु मंडल में कम हुआ है।