
Indore Metropolitan Authority: इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इंदौर को महानगर बनाने की घोषणा की है। इस पर अमल हुआ तो इंदौर का विस्तार होगा और ओहदा बढ़ेगा बल्कि नागरिक सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। इससे पहले महानगर का दर्जा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मंजूरी देते हुए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करनी होगी। देश में अब तक मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, सूरत और हैदराबाद को महानगर का दर्जा मिल चुका है।
इन सभी शहरों की जनसंख्या महानगर के लिए तय पैमाने 40 लाख से कहीं ज्यादा है। आधिकारिक रूप से जनसंख्या के पैमाने पर इंदौर महानगर के ढांचे में फिट नहीं बैठता। ऐसे में महानगर का दर्जा देने के लिए इंदौर से जुड़े कस्बों नगर पालिका और नगर पंचायतों को इंदौर में शामिल करना होगा।

इस प्रक्रिया के बाद न केवल इंदौर नगर की सीमा फिर से तय होगी बल्कि जनसंख्या भी बढ़ेगी। महानगर का दर्जा मिलने के बाद इंदौर नगर निगम का स्वरूप भी बदलेगा। वित्तीय शक्तियां बढ़ेंगी। ज्यादा स्वायत्तता हासिल होगी।
सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इंदौर की अब जो प्लानिंग होगी, वह वृहद दृष्टिकोण से होगी। आने वाले 30 वर्षों में जितने भी क्षेत्र में संभावित विकास होना है, उस क्षेत्र की प्लानिंग होगी। इससे जब हमें आने वाले समय में इन्फ्रस्ट्रक्चर तैयार करेंगे, तो तोड़-फोड़ नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही समग्र दृष्टि से इंदौर का विकास होगा। इसके लिए महानगर योजना समिति भी बनाई जाएगी, क्योंकि इसमें कुछ क्षेत्र उज्जैन और देवास का भी आएगा। इन क्षेत्रों के लिए समिति पूरी प्लानिंग करेगी। आर्थिक एवं सामाजिक विकास योजनाएं अमल में लाई जा सकेंगी। - अजित सिंग नारंग़, इंदौर उत्थान अभियान के अध्यक्ष
नगर का जब क्षेत्र बढ़ता है, तो सेवाएं भी बढ़ती हैं। इंदौर जो आर्थिक राजधानी है, वह अब और ग्रोथ करेगी। साथ ही यहां नए इंडस्ट्रियल एरिया बनेंगे। जितने इंडस्ट्रियल एरिया बनेंगे उतना शहर मजबूत बनेगा। इसके साथ ही सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। यहां कानून-व्यवस्था को और भी बेहतर करना पड़ेगा। महानगर बनने के साथ अपराध मुक्त बनाने का भी प्रयास करना होगा। घने जंगल का विकास, मोहल्ला क्लिनिक, योग एवं आउटडोर जिम, औषधि नियंत्रण, जल आपूर्ति, यातायात नियंत्रण, तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए स्कूल जैसी चीजों का ध्यान रखना होगा। - प्रमोद डफरिया, उद्योगपति
महानगर बनने से इंदौर का विकास तेजी से होगा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि लोगों को पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा। पर्यावरण को संरक्षित नहीं किया गया, तो यहां की हालत भी दिल्ली और मुंबई जैसी हो जाएगी। ऐसा न हो इसके लिए हर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाने होंगे और जलाशय बनाना होगा। महानगर बनने से इंडस्ट्रियां बनेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यदि सभी लोग स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी का ख्याल रखेंगे। इसके चलते इंदौर देश के अकेला पर्यावरण वाला महानगर बन सकेगा। - एसएल गर्ग, शिक्षाविद