Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। जिला प्रशासन ने इंदौर को 15 फरवरी तक भिक्षुक मुक्त बनाने की कार्ययोजना तैयार की थी। इसके बाद भी अब तक शहर में पूरी तरह से भिक्षावृत्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में अब भी भिक्षुक मिल रहे हैं। दो दिन पहले सराफा क्षेत्र में भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इसे देखते हुए अब प्रशासन ने इसमें आमजन को जोड़ने का निर्णय लिया है। आमजन सूचना दे सकें, इसके लिए वाट्सएप नंबर जारी किया गया है। सूचना देने वाले नागरिकों को नकद इनाम दिया जाएगा।
इंदौर को बाल भिक्षुकों से पूरी तरह मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को और अधिक प्रभावी और गति देने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इंदौर में भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों की जानकारी देने वाले नागरिकों को एक हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की सूचना देने के लिए वाट्सएप नंबर 9691729017 जारी किया गया है। वाट्सएप नंबर के माध्यम से कोई भी नागरिक फोटो और लोकेशन सहित बाल भिक्षावृत्ति की जानकारी दे सकते हैं। जानकारी सही पाए जाने पर नागरिक को इनाम दिया जाएगा। साथ ही एक से अधिक बार प्रमाणिक सूचना देने वाले नागरिकों को अलग से सम्मानित भी किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने बाल भिक्षावृत्ति पर नजर रखने के लिए टेक्नोलाजी का उपयोग करने का निर्णय लिया है। अब सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से चौराहों पर बाल भिक्षावृत्ति पर निगरानी रखी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी एआइसीटीएसएल और पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक निगरानी रखेंगे। कैमरों में बाल भिक्षावृत्ति दिखाई देने पर रेस्क्यू दल को उनके द्वारा सूचना दी जाएगी। दल तुरंत मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू का कार्य करेंगे।
बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर गठित टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने पर तीन दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। अभियान के तहत 17 बच्चों का रेस्क्यू किया गया है, जो विभिन्न स्थानों पर भिक्षावृत्ति करते पाए गए थे।