काम की खबर: आरक्षण के बावजूद आरामदायक यात्रा नहीं, तो 256 यात्रियों को पांच-पांच हजार देगा रेलवे
जिला उपभोक्ता आयोग ने दिया यात्रियों के पक्ष में फैसला। 10 हजार रुपये परिवाद व्यय भी रेलवे को देना होगा।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Wed, 03 Apr 2024 08:02:54 AM (IST)
Updated Date: Wed, 03 Apr 2024 11:01:04 AM (IST)
256 यात्रियों को पांच-पांच हजार देगा रेलवेHighLights
- इंदौर से शिखरजी की यात्रा पर निकले 256 यात्री शिप्रा एक्सप्रेस में आरक्षण के बावजूद आरामदायक यात्रा नहीं कर सके थे।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को आदेश दिया कि वह प्रत्येक यात्री को पांच-पांच हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करे।
Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। यात्रियों की सुरक्षा में चूक रेलवे को भारी पड़ी। रेलवे की लापरवाही के चलते इंदौर से शिखरजी की यात्रा पर निकले 256 यात्री शिप्रा एक्सप्रेस में आरक्षण के बावजूद आरामदायक यात्रा नहीं कर सके थे। जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को आदेश दिया कि वह प्रत्येक यात्री को पांच-पांच हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करे। इसके अलावा रेलवे को 10 हजार रुपये परिवाद व्यय के रूप में भी देना होंगे।
मामला वर्ष 2019 का है। दिगंबर जैन समाज के 256 सदस्यों ने
शिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन में इंदौर से धनबाद तक के लिए आरक्षण करवाया था। इनको 22 जनवरी 2019 को रात करीब 11.30 बजे इंदौर स्टेशन से बैठना था। सभी यात्री तय समय पर इंदौर स्टेशन पहुंचे और आरक्षित सीटों पर बैठे।
यात्रा संयोजक राहुल सेठी के मुताबिक सभी यात्री अपनी-अपनी सीटों पर बैठे थे कि अचानक उत्तर प्रदेश-बिहार के युवाओं की भीड़ स्टेशन पहुंची। वे जबरन आरक्षित डिब्बों में घुसे और उन्होंने सीटों पर बैठे दिगंबर समाज के सदस्यों को बलपूर्वक सीट से उठा दिया। यात्रियों ने उन्हें समझाया कि ये आरक्षित सीटें हैं तो युवाओं ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
रेलवे ने शिकायत के बाद भी नहीं की कार्रवाई
सेठी ने बताया कि हमने इसकी शिकायत
रेलवे के अधिकारियों से भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर हमने जिला उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ परिवाद दायर किया। हमने आयोग को बताया कि रेलवे की लापरवाही के चलते 256 यात्री आरक्षण के बावजूद आरामदायक यात्रा नहीं कर सके।
जबरन घुसे युवाओं ने सीटों के साथ टायलेट पर भी कब्जा कर लिया था। डिब्बे में कई बुजुर्ग यात्री भी थे। रास्ते में युवा शराब और सिगरेट का सेवन भी कर रहे थे। असुविधा की वजह से कुछ यात्रियों को यात्रा बीच में ही निरस्त करनी पड़ी और वे उज्जैन में ही उतर गए।
सेठी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा में की गई चूक को गंभीर मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को आदेश दिया कि वह 30 दिन के भीतर प्रत्येक यात्री को पांच-पांच हजार रुपये का भुगतान करे। इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत दिनांक से आठ प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा परिवाद व्यय के रूप में दस हजार का भुगतान भी करना होगा।