
Indore Railway Station: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर रेलवे स्टेशन के कोचिंग डिपो में ट्रेनों की सफाई करने वाले निजी एजेंसी के 120 से अधिक कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए। घंटोंं तक ट्रेनों का मेंटेनेंस नहीं हुआ। आखिरकार रेलवे ने बाहरी मजदूरों को बुलाकर ट्रेनों की सफाई कर रवाना किया।
बता दे कि रतलाम मंडल ने इंदौर से चलने वाली ट्रेनों की साफ-सफाई का ठेका दिल्ली की ह्यूजेस एंड ह्यूजेस को दिया है। लेकिन कंपनी अपने कर्मचारी को न तय वेतन दे रही है और न ही उन्हें पीएफ और इएसआइ का फायदा मिल रहा है। इससे नाराज 120 से अधिक कर्मचारियों ने शुक्रवार सुबह ट्रेनों की सफाई का काम बंद कर दिया। इस दौरान पिटलाइन पर अवंतिका, अमृतसर, पुणे और रतलाम-बीना शटल मेंटनेंंस के लिए खड़ी थी। दोपहर में रेलवे ने बाहर से मजदूर बुलवाएं और ट्रेनों की सफाई का काम शुरू हुआ।
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हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने बताया कि पिछले आठ महीनों से कंपनी में काम कर रहे हैं, लेकिन आज तक पीएफ और इएसआइ का लाभ नहीं मिला है। इसके साथ ही न्यूनतम वेजेस के अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है।महीनेभर काम करने पर आठ हजार 600 रुपये प्रति कर्मचारी वेतन मिलता है, जिसे 50 दिन बाद दिया जाता है।इसी के चलते कर्मचारियोंं ने काम बंद किया। कंपनी के सुपरवाइजर दीपक सहाय ने बताया कि कर्मचारियोंं का वेतन जारी किया जा रहा है। इएसआइ और पीएफ की सुविधा भी दी जाएगी, लेकिन उसमें समय लगेगा।
बाहर से मजदूरों को बुलाकर ट्रेनों की सफाई करवाई है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो। - खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम