
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर सराफा बाजार में लगने वाली रात्रिकालीन चाट-चौपाटी पर नगर निगम ने अंकुश लगाना शुरू कर दिया। मंगलवार शाम मुनादी की गई। इसके बाद बुधवार से कार्रवाई शुरू कर दी गई। नगर निगम ने जो ऐलान किया, उससे 80 दुकानें लगती दिख रही हैं। हालांकि सराफा व्यापारी इससे असहमत और असंतुष्ट नजर आ रहे हैं।
सराफा कारोबारियों के अनुसार दुकानों की यह संख्या बाले-बाले कैसे तय कर ली गई। जबकि महापौर की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी जिसे इस पर निर्णय लेना था। हालांकि न बैठक हुई न चर्चा, बस सीधे मुनादी करवा दी गई। इधर बुधवार को जब दुकानें हटाने के लिए निगम का अमला पहुंचा तो चौपाटी वाले दुकानदार एकजुट हो गए और सराफा थाने पहुंचे।
मंगलवार को हुई इंदौर नगर निगम की मुनादी में चौपाटी पर दुकानें लगाने वालों से कहा गया कि कोई भी सराफा बाजार में रात साढ़े नौ बजे से पहले दुकान नहीं लगाएगा। साथ ही कहा गया कि जो चाट चौपाटी एसोसिएशन का अधिकृत सदस्य है, सिर्फ उसी की दुकान लग सकेगी।
दरअसल चाट चौपाटी एसोसिएशन ने अपने 80 सदस्यों की सूची निगम को काफी पहले सौंपी थी। सराफा व्यापारी इसी पर सवाल उठा रहे हैं कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा था कि चौपाटी का परंपरागत रूप कायम रखते हुए पुरातन दुकानों को रखा जाएगा। वे दुकानें गिनती की थीं तो 80 दुकानों की संख्या कैसे तय कर ली गई।
बिना बैठक कैसे हुआ निर्णय
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नवरात्र में सराफा चौपाटी को नया स्वरूप देने की घोषणा की थी। इसके लिए कमेटी का दौरा, विमर्श होना था और उन दुकानों की संख्या तय होनी थी, जो पुराने समय से चौपाटी पर व्यंजन परोसती रही हैं। हालांकि महीनों बीतने के बाद भी कोई बैठक नहीं हुई।
इंदौर सोना-चांदी जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अनुसार दो दिन पहले बैठक के लिए संदेश मिला था। बैठक में पहुंचने से पहले दूसरा संदेश आया कि बैठक निरस्त हो गई है। इसके बाद निगम ने खुद ही कैसे तय कर लिया कि 80 दुकानों को लगने दिया जाएगा। एसोसिएशन के अनुसार असल में तो पुराने दौर में खाने-पीने की बमुश्किल 40-50 दुकानें ही सराफा में लगती थीं।
मुनादी में कहा गया कि सदस्यों को दुकान लगाने दी जाएगी। इस लिहाज से 80 दुकानें लगने दी जा रही हैं। यह संख्या कैसे तय हुई हमें भी जानकारी नहीं है। कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई। हम निगम की ओर से आधिकारिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं। -हुकम सोनी, अध्यक्ष चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन