Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस इंदौर के लिए तैयार करेगी अलग घोषणा पत्र, भाजपा राष्ट्रीय घोषणा पत्र के भरोसे
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती गुटों में बटे कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की भी है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 09:43:24 AM (IST)
Updated Date: Thu, 28 Mar 2024 01:32:07 PM (IST)
घोषणा पत्रHighLights
- भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो चुकी है।
- भाजपा नेता घर-घर दस्तक देकर पार्टी की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राम-राम लोगों तक पहुंचाने में लगे हैं।
- कांग्रेस शहर के लिए अलग से घोषणा पत्र तैयार करने में जुटी है।
Lok Sabha Election 2024: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद शहर में अब धीरे-धीरे चुनावी रंग जमने लगा है। हालांकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस अब भी बहुत पीछे है। भाजपा नेता जहां घर-घर दस्तक देकर पार्टी की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राम-राम लोगों तक पहुंचाने में लगे हैं, वहीं कांग्रेस शहर के लिए अलग से घोषणा पत्र तैयार करने में जुटी है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय घोषणा पत्र में शहर को वह महत्व नहीं मिल पाता, जिसका यह हकदार है। स्वच्छता के साथ हमारी पहचान मां अहिल्या की वजह से भी है। पार्टी का राष्ट्रीय घोषणा राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर होता है, जबकि शहर की कई समस्याएं ऐसी हैं, जिनका समाधान मतदाता चाहते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार इंदौर के लिए पृथक घोषणा पत्र के नवाचार के साथ मतदाताओं के बीच जाने की तैयार कर रही है। इधर भाजपा अब भी राष्ट्रीय घोषणा पत्र के भरोसे है।
युवाओं और व्यापारियों की समस्या पर रहेगा केंद्रित
कांग्रेस का कहना है कि
इंदौर के लिए तैयार किए जा रहे घोषणा पत्र में वह युवाओं और व्यापारियों की समस्याओं को केंद्र में रखेगी। महिलाओं की सुरक्षा, बढ़ते पब कल्चर जैसे मुद्दे भी घोषणा पत्र में शामिल किए जाएंगे। इधर भाजपा के नेताओं का कहना है कि वे इन सभी मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं। समय-समय पर इन समस्याओं को लेकर विचार मंथन के साथ समाधान की तरफ बढ़ने का काम भी किया जा रहा है। यही वजह है कि इन मुद्दों को लेकर पार्टी को अलग से घोषणा पत्र की जरूर नहीं है।
गुटों में बटे कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की चुनौती
कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती गुटों में बटे कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की भी है। वर्ष 1989 से इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1989 में भाजपा की नेत्री
सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के कदावर नेता प्रकाशचंद्र सेठी को हराकर यहां
भाजपा का परचम लहराया था। वे लगातार आठ बार इंदौर से सांसद रहीं। वर्ष 2019 में उनके स्थान पर भाजपा ने शंकर लालवानी को मैदान में उतारा और लालवानी ने कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार मतों से पराजित किया था।
कुछ दिन पहले ही पंकज संघवी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। उनके साथ उनके कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हो गए। नेताओं के लगातार पलायन से परेशान
कांग्रेस के सामने सबसे प्रमुख चुनौती गुटों में बंटे कार्यकर्ताओं को एक सूत्र में बांधे रखने की है। हाल ही में पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल के भाजपा में शामिल होने का खामियाजा भी कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा।
हम कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में जुटे हैं। हमें उम्मीद है कि हम इसमें सफल भी होंगे। इंदौर के लिए पृथक घोषणा पत्र की तैयारी भी कर रहे हैं।
-प्रमोद द्विवेदी, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
पार्टी के सभी नेता प्रचार में जुट गए हैं। हमारा लक्ष्य प्रत्येक मतदाता के घर पहुंचकर पार्टी की विचारधारा उन तक पहुंचाने की है। हम इसमें सफल होंगे।
-आलोक दुबे, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा