नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। लव जिहाद के लिए फंडिंग करने, लूट-डकैती और जानलेवा हमले के आरोपित पार्षद अनवर कादरी उर्फ अनवर डकैत का बंदूक का लाइसेंस भी फर्जी पाया गया है। जम्मू-कश्मीर के रामबन कलेक्ट्रेट के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंस की जम्मू-कश्मीर से कोई पुष्टि नहीं हो सकी। अलबत्ता जांच में पता चला है कि वह शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कठुआ, पुंछ व उधमपुर से कराता रहा है।
डीसीपी इंदौर जोन-एक कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि शहर के भिश्ती मोहल्ला (सदर बाजार) निवासी अनवर कादरी उर्फ अनवर डकैत ने 2022 में जम्मू-कश्मीर के रामबन से 12 बोर की बंदूक का कथित लाइसेंस दिखाया था। पुलिस एक साल से इस लाइसेंस की जांच करवा रही है। तत्कालीन डीसीपी, कलेक्टर और थाना प्रभारी ने पत्राचार किया, पर रामबन से रिपोर्ट नहीं मिली। आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने पिछले महीने एएसआइ रामसिंह अखाड़े को रामबन भेजा और लाइसेंस की प्रति दिखाई।
14 अगस्त को रामबन एसडीएम ने ई-मेल कर बताया कि अनवर का लाइसेंस फर्जी है। मंगलवार को पुलिस ने अनवर के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचना व शस्त्र अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने अनवर की बंदूक जब्त कर ली है। अनवर ने 2003 को रामबन से बंदूक (12 बोर) का फर्जी लाइसेंस बनवाया था। इसे 2007 और 2008 में कठुआ, 2013 में उधमपुर, 2016 में कठुआ, 2022 में कठुआ और 2025 में पूंछ से नवीनीकरण कराया।
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साल 2003 में रामबन से सैकड़ों आर्म्स लाइसेंस जारी हुए हैं। इस स्कैम की सीबीआइ भी जांच कर चुकी है। कई अधिकारी और दलालों को सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इसी दौरान अनवर का भी लाइसेंस बना था। जिसका रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिला है।