नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर में कुत्ते के काटने से एक व्यक्ति की रविवार को एमवाय अस्पताल में मौत हो गई। मृतक को एंटी रेबीज के तीन इंजेक्शन लग चुके थे, जबकि दो डोज बाकी थे। हालत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रेबीज के लक्षण तेजी से बढ़ गए। पानी और हवा से घबराने के साथ वह अजीब हरकतें करने लगा। पत्नी उसे गले लगाकर संभालती रही, लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
तीन माह पहले कुत्ते ने चेहरे पर किया था हमला
मृतक की पहचान गोविंद पेवाल (45), निवासी जूनी इंदौर के रूप में हुई है। करीब तीन माह पहले वह घर के बाहर सो रहा था, तभी एक कुत्ते ने उसके चेहरे पर हमला कर दिया। कुत्ते ने जबड़े में मुंह और चेहरे का हिस्सा जकड़ लिया था। आवाज सुनकर पत्नी संगीता और बेटा अजय उठे, जिसके बाद कुत्ता भाग गया। हमले में गोविंद के होंठ और चेहरे का हिस्सा जख्मी हो गया था।
वैक्सीन लगी लेकिन नहीं बची जान
अगले दिन सरकारी हुकुमचंद अस्पताल में डाक्टरों ने ड्रेसिंग और एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया। अलग-अलग अंतराल में दो और इंजेक्शन दिए गए। लेकिन दो दिन पहले उसकी हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों के मुताबिक, चूंकि काटने की जगह चेहरा था, इसलिए वायरस तेजी से दिमाग तक पहुंच गया और असर गहरा हो गया।
बढ़ रहे हैं कुत्तों के काटने के मामले
सीएमएचओ डॉ. माधव हासानी ने बताया कि मृतक को दो दिन पहले सांस की तकलीफ और घबराहट की शिकायत पर भर्ती किया गया था। वैक्सीनेशन हिस्ट्री स्पष्ट नहीं थी। सरकारी हुकुमचंद अस्पताल में रोजाना औसतन 150 केस कुत्तों के काटने के आते हैं। इस साल 31 अगस्त तक 4461 मामले दर्ज हो चुके हैं।
डॉक्टर की राय
डॉ. आशुतोष शर्मा, सुपरिटेंडेंट, हुकुमचंद अस्पताल ने बताया कि जब कुत्ता चेहरे पर काटता है तो वायरस तेजी से ब्रेन तक पहुंच जाता है। एंटी रेबीज इंजेक्शन का असर समय लेता है, इसलिए कई बार जानलेवा स्थिति हो जाती है। अंतिम स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगी।
इसे भी पढ़ें- भैंस चराने से रोकना साधु को पड़ा भारी... लात-घूंसों से पिटाई, चार आरोपितों पर केस दर्ज