
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी इस समय स्पष्ट रूप से दो धड़ों में विभाजित होती दिख रही है। पार्टी में इस विभाजन का मुख्य कारण वरिष्ठ नेताओं, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ, को दरकिनार किया जाना है। कांग्रेस का एक नया गुट अब खुलकर इन वरिष्ठ नेताओं की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने लगा है।
पचमढ़ी में चल रहे प्रदेश संगठन के प्रशिक्षण शिविर के बीच भी, अनुशासनहीनता और पार्टी के बड़े नेताओं की आलोचना की कई घटनाएं सार्वजनिक हुई हैं। इन सब पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और अन्य जिम्मेदार नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की "नई कांग्रेस" और पुराने, अनुभवी नेताओं के समर्थकों के बीच बढ़ता यह आंतरिक विरोध, पार्टी के संगठन सृजन और एसआइआर में मुस्तैदी के राहुल गांधी के नारे को प्रभावित करता दिख रहा है।
इंदौर में शहर कांग्रेस और दिग्विजय समर्थकों के बीच सीधा टकराव देखने को मिल रहा है। इसकी शुरुआत अगस्त माह में हुई, जब नवनियुक्त शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने सितंबर में दिग्विजय सिंह के इंदौर आगमन और उनके स्थानीय शीतलामाता बाजार के दौरे का बहिष्कार कर दिया था। इस बहिष्कार में उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी नज़र आए थे।
जब दिग्विजय सिंह ने इंदौर आने की घोषणा की, तो एकाएक एक दिन पहले शाम को पटवारी और चौकसे ने उसी मुद्दे पर प्रशासन को ज्ञापन सौंप दिया ताकि सिंह प्रदर्शन न कर सकें।
मंगलवार को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रसारित हुई, जिसमें शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे कथित तौर पर दिग्विजय सिंह को अपशब्द कहते सुनाई दिए। इससे पार्टी में भारी खलबली मची है। कांग्रेस के प्रभारी और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी फिलहाल इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई करने के बजाय मामले को शांत करने की कोशिश में लगे हैं।
दिग्विजय सिंह ही नहीं, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का विरोध करने में भी नए नेता पीछे नहीं हैं। इंदौर से कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रहे एक नेता ने पार्टी मुख्यालय को एक व्हाट्सएप चैटिंग भेजी है, जिसमें एक पार्षद द्वारा कमल नाथ के लिए अपशब्द लिखने की शिकायत की गई है।
प्रदेश में शुरू हुई एसआइआर (मतदाता सूची पुनरीक्षण) प्रक्रिया में भी कांग्रेस के बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की सूची निर्वाचन अधिकारियों के पास नहीं पहुँच पाई है। इंदौर सहित तमाम क्षेत्रों में यह स्थिति देखने को मिली। दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे सुभाष सोजतिया ने तो सीधे तौर पर संगठन प्रभारी हरीश चौधरी पर ही सवाल उठा दिए हैं। सोजतिया ने कहा कि प्रभारी पचमढ़ी जा रहे हैं, लेकिन एसआइआर के लिए एजेंटों के प्रशिक्षण का कोई कार्यक्रम तय नहीं किया गया।
चिंटू चौकसे की ऑडियो क्लिप सार्वजनिक होने के बाद, दिग्विजय सिंह खेमे के पूर्व विधायक और गुना क्षेत्र के कई नेता भी प्रदेश अध्यक्ष पटवारी और अन्य के विरोध में एकजुट होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि पचमढ़ी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद दिग्विजय सिंह भी केंद्रीय नेतृत्व को इस पूरे मुद्दे पर पत्र लिख सकते हैं।
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आडियो पर नोटिस देने से पहले मैं वेरिफाई तो करूं कि आडियो सही है या गलत। जो ऐसी रिकार्डिंग कर रहा है वह कांग्रेसी नहीं बल्कि भाजपा का स्लीपर सेल है। संगठन की आंतरिक बातें मैं पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक नहीं करना चाहता। इसलिए कार्रवाई को लेकर अभी कुछ नहीं बोलूंगा। बीएलए के नाम व सूची हमने तैयार कर लिए फिर से रीवेरिफिकेशन कर रहे हैं, जल्द ही एसआइआर के लिए कार्यकर्ता तैनात कर दिए जाएंगे।
-हरीश चौधरी, संगठन प्रभारी, मप्र कांग्रेस