नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सवारियों को लाने-ले जाने वाली और सामानों को पहुंचाने में उपयोग होने वाली बाइकों को भी व्यावसायिक वाहनों की तर्ज पर रजिस्टर्ड करना होगा। जैसे अन्य व्यवसायिक वाहनों पर पीली नंबर प्लेट लगती है, ऐसे दुपहिया वाहनों पर भी पीली नंबर प्लेट लगेगी। ये निर्देश शुक्रवार को हाईकोर्ट ने जारी किए। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की युगलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि नियम के पालन में किसी तरह की ढील-पोल न हो।
हाईकोर्ट में छात्र आयुष जाट द्वारा दायर याचिका पर युगल पीठ ने सुनवाई की। अभिभाषक विकास यादव के अनुसार याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि शहर में यात्रियों को लाने व ले जाने के लिए बाइक का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि ये बाइक निजी उपयोग के लिए रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में इनकी दुर्घटना होने पर सवारियों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा था।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया था कि सवारी वाहन उपलब्ध कराने वाली कंपनियां तो पहले से ही रजिस्टर्ड हैं, जिस पर कोर्ट को बताया गया कि कंपनियां रजिस्टर्ड हैं लेकिन उनमें चलने वाले वाहन कमर्शियल वाहन की श्रेणी में शामिल नहीं हैं। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट में साफ है कि जो वाहन सवारियों को ढोते हैं, उन्हें कमर्शियल वाहन के तौर पर रजिस्टर्ड होना जरूरी होगा।
इसके बाद कोर्ट ने सरकार को ऐसे सभी वाहनों को कमर्शियल वाहन के तौर पर रजिस्टर्ड करने और उनसे जुड़े सभी नियमों का पालन कराने के लिए आदेश जारी किया है। ऐसे में व्यावसायिक वाहनों की तरह इन बाइकों में जीपीएस सिस्टम भी लगाना होगा।