नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया। इस बार आयोग ने ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामले के कारण परिणाम को दो हिस्सों में घोषित किया है।
कुल परिणाम में से 87 प्रतिशत मुख्य परिणाम जारी किया गया है, जबकि 13 प्रतिशत प्रावधिक परिणाम रोका गया है। कुल 110 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन फिलहाल 96 पदों पर ही चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। परीक्षा में कुल अंक 1685 निर्धारित किए गए थे।
पहले स्थान पर देवांशु शिवहरे रहे, जिन्होंने 953 अंक प्राप्त किए। दूसरे स्थान पर ऋषव अवस्थी रहे, जिन्हें 945 अंक मिले। वहीं तीसरे स्थान पर अंकित ने 942 अंक हासिल किए। चौथे स्थान पर शुभम (913 अंक), पांचवें पर विवेक कुमार पटेल (894 अंक) रहे।
इंदौर की हर्षिता दवे ने 893.75 अंक पाकर छठा स्थान प्राप्त किया। अंकित सिरोठिया (891.50), रुचि जाट (891), नम्रता (890) और राशि जैन (888) टाप-10 में शामिल हुए। इस बार टाप-10 में छह पुरुष और चार महिला उम्मीदवारों ने जगह बनाई है। यानी पुरुष अभ्यर्थियों ने परीक्षा में बाजी मारी है।
आयोग ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम पांच मार्च को घोषित किया था। इसके बाद 110 पदों के लिए 336 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। यह प्रक्रिया 18 से 29 अगस्त के बीच पूरी की गई। केवल दो सप्ताह के भीतर आयोग ने अंतिम परिणाम जारी कर दिया। परिणाम शुक्रवार शाम सात बजे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया। अभी 14 पदों पर चयन की घोषणा अदालत के निर्णय पर निर्भर है। ओबीसी आरक्षण से जुड़ा विवाद न्यायालय में लंबित है। इसी वजह से 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति रोकी गई है। अदालत का फैसला आने के बाद शेष पदों पर परिणाम घोषित किया जाएगा।
चयनित उम्मीदवारों को प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया जाएगा। इनमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, सहायक संचालक, वित्त सेवा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त, आबकारी निरीक्षक और वाणिज्य कर निरीक्षक सहित कई अन्य पद शामिल हैं।
हर्षिता दवे ने 893.75 अंक प्राप्त कर प्रदेश में छठा स्थान और महिलाओं में पहला स्थान हासिल किया। वे डिप्टी कलेक्टर बनी हैं। उनका कहना है यह राज्य सेवा परीक्षा में दूसरा प्रयास था। 2023 में मुख्य परीक्षा दी। साक्षात्कार में चयन नहीं हुआ। हर्षिता कहती हैं कि ग्रेजुएशन राजनीतिक विभाग और समाजशास्त्र में किया है। इन विषयों ने तैयारी के दौरान काफी मदद की। वहीं वाद-विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी। भारत का भी एक प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व कर चुकी है। इसी कारण हिंदी निबंध के पेपर में उन्हें विशेष लाभ मिला। हर्षिता का मानना है कि सफलता पाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप दिनभर कितने घंटे पढ़ाई करते हैं। सबसे अधिक जरूरी नियमितता है।