नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवाय अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआईसीयू में चूहे द्वारा नवजातों को कुतरने के मामले में बुधवार को देवास जिले के बागली के कमलापुर में रहने वाला परिवार जयस संगठन के साथ कलेक्टर से मिलने के पहुंचा। यहां कलेक्टर शिवम वर्मा से मुलाकात की और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। परिवार को पांच लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। इससे पहले धार जिले के रूपापाड़ा के परिवार को भी सहायता राशि दी गई थी।
पिता साजिद ने बताया कि बागली में नवजात का जन्म हुआ था। यहां वजन कम होने के कारण उसे देवास में रेफर किया। इसके बाद पेट फुलने की समस्या हुई तो एमटीएच में भर्ती करवाया। यहां से उसे एमवाय अस्पताल में भेजा था। ऑपरेशन के बाद उसे वेंटिलेटर से भी हटा दिया था। लेकिन फिर अचानक उसकी तबीयत खराब हुई और वापस वेंटिलेटर पर रखा। हमें यह नहीं बताया था कि चूहे ने कुतरा, घर जाकर देखा तो हथेली और अंगुली पर घाव के निशान थे। हमें मौत का कारण इंफेक्शन बताया था।
मामले में जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने बताया कि इन बच्चियों को न्याय मिले। पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपये की सहायता राशि दी जाए। हम यहां न्याय की गुहार लगाने के लिए आए है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई है। न ही गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। यदि हमारी मांग पुरी नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे।
नवजात के पिता और मामा मुलाकात करने आए थे। उन्हें आश्वासन दिया है कि राज्य स्तरीय जांच कमेटी ने जांच पुरी कर ली है। उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है, जिसके लिए आश्वासन दिया है। भविष्य में ऐसी घटना नहीं होना चाहिए। हम सभी लोग दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं। - शिवम वर्मा, कलेक्टर
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